नई दिल्ली, 1 सितंबर. देश में एक तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreaks in India) महामारी का कोहराम जारी है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया (Social Media) पर फर्जी खबरों का चलन भी बढ़ता जा रहा है. कोरोना संकट काल के दौरान सोशल मीडिया पर कई ऐसी खबरें वायरल हुई हैं जिन्हें पीआईबी (PIB Fact Check) ने जांच कर गलत (Fake News) बताया है. इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक मीडिया रिपोर्ट (Media Report) के हवाले से दावा किया जा रहा है कि सरकार हेल्थ आईडी (Health ID Registration) रजिस्ट्रेशन के लिए संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा मांग रही है. हालांकि पीआईबी (Press Information Bureau) ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है.
बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा जा रहा है कि हेल्थ आईडी रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा मांग रही है. इसमें कहा जा रहा है कि इस पॉलिसी में व्यक्ति के मेडिकल हिस्ट्री, जाति, धर्म और राजनीतिक मान्यताओं से जुड़े डेटा का समावेश है. पीआईबी (प्रेस सूचना ब्यूरो) ने जांच कर बताया कि यह दावा पूरी तरह से फेक है. यह भी पढ़ें-Fact Check: 1 सितंबर से सबका बिजली बिल माफ करने के लिए केंद्र ला रही स्पेशल स्कीम? PIB ने बताया सच
पीआईबी फैक्ट चेक का ट्वीट-
Claim: Media report has claimed that the government is asking for “sensitive personal data” for the registration of Health ID. #PIBFactCheck: This claim is #Fake Information like name, year of birth, state, etc. are required while registering for Health ID. pic.twitter.com/m2LMTRCAIy
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 1, 2020
पीआईबी ने कहा कि हेल्थ आईडी के रजिस्ट्रेशन करते समय संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा नहीं बल्कि नाम,जन्मतिथि, राज्य सहित अन्य जानकारी की जरूरत होती है. इससे पहले सोशल मीडिया पर एक दावा किया गया था कि केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश के लिए बिजली बिल माफी योजना-2020 शुरू करने जा रही है. इस योजना के चलते सभी का बिजली का बिल माफ किया जाएगा.
Fact check
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार हेल्थ आईडी के रजिस्ट्रेशन के लिए संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा मांग रही है.
पीआईबी ने इस दावे को फर्जी बताया और कहा कि हेल्थ आईडी के रजिस्ट्रेशन करते समय संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा नहीं बल्कि नाम, जन्मतिथि, राज्य सहित अन्य जानकारी की आवश्यकता है.