अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार 26 जून को अयोध्या में बनाए जाने वाले राम मंदिर और विकास कार्यों की समीक्षा की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल मीटिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी शामिल रहे. एक तरफ जहां मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है वहीं इस बीच अयोध्या जमीन सौदे को लेकर भी विवाद जारी है. Fact Check: ऐसे पहचाना जा सकता है 500 का असली और नकली नोट? जानें RBI का कहना क्या है.
हाल ही में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने जमीन से जुड़े कुछ घोटालों के आरोप लगाए हैं. इस बीच राम मंदिर की भूमि को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह के दावे किये जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. यह वीडियो, जो कथित तौर पर सदियों पुरानी पांडुलिपि का है. सोशल मीडिया पर यह वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह राम जन्मभूमि में खुदाई के दौरान खोजा गया था जहां निर्माण कार्य चल रहा है.
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को बहुत से लोग शेयर कर रहे हैं. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह इस बात का प्रमाण है कि यह स्थल ऐतिहासिक रूप से मंदिर का था. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने यह भी दावा किया कि स्क्रिप्ट संस्कृत में है.
यहां देखें वीडियो
राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान मिला तांबे का पत्ता - 488 साल इंतजार की सही परिणति...
जय श्री राम 🙏#राम_मंदिर
— समझो भाई #३ह (@Yogendr89778547) June 24, 2021
ऐसे ही एक वीडियो में लिखा गाया है,"राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान मिला तांबे का पत्ता - 488 साल बाद भी प्रमाण हमारे ही निकल रहे है!"
India Today ने इस वीडियो को फेक बताया है. इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया,"वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है. कथित पांडुलिपि की लिपि हिब्रू भाषा में है. साथ ही राम मंदिर स्थल से ऐसी किसी पांडुलिपि की खुदाई नहीं हुई है."
सोशल मीडिया पर पहले से मौजूद है वीडियो
राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान मिला तांबे का पत्ता - 488 साल इंतजार की सही परिणति...
जय श्री राम 🙏#राम_मंदिर
— समझो भाई #३ह (@Yogendr89778547) June 24, 2021
इंडिया टुडे को इसका ओरिजनल वीडियो भी मिला है. जिसे 10 अप्रैल, 2020 को इंस्टाग्राम पेज 'define.avcilari' पर अपलोड किए गया था. पेज ने वीडियो के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है. लेकिन इस पेज में कई वीडियो और फोटो पोस्ट के हैं, जिनमें प्राचीन दिखने वाले सिक्के और गहनें भी शामिल हैं. इंडिया टुडे ने बताया कि इस वीडियो में देखे गए बर्तन और कागज पर यहूदी मूल के प्रतीक हैं.
इंडिया टुडे ने बताया कि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यह पांडुलिपि कृत्रिम हो सकती है. इस वीडियो का राम जन्म भूमि की खुदाई से कोई संबंध नहीं है.
Fact check
अयोध्या में राम जन्मभूमि से खुदाई के दौरान सदियों पुरानी पांडुलिपि मिली.
यह दावा झूठा है. राम मंदिर स्थल से ऐसी किसी पांडुलिपि की खुदाई नहीं हुई है.