
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुस्लिम टोपी पहने हुए डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लखनऊ के हजरतगंज थाने में आईटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा नेता राजकुमार तिवारी, जो हजरतगंज के नरही क्षेत्र के निवासी हैं, ने फेसबुक अकाउंट "प्यारा इस्लाम" के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. शिकायत में आरोप लगाया गया कि इस फेसबुक पेज पर सीएम योगी आदित्यनाथ का एक मॉर्फ्ड वीडियो साझा किया गया, जिसमें उन्हें स्कल कैप पहने हुए दिखाया गया है.
वीडियो में एक स्प्लिट-स्क्रीन फ्रेम दिखाया गया, जिसमें एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ को स्कल कैप और स्माइली फेस के साथ दिखाया गया, जबकि दूसरी तरफ एक व्यक्ति, जिसने अपना चेहरा स्कार्फ से ढका हुआ था, उन्हें सैल्यूट कर रहा था.
- @Uppolice @gorakhpurpolice @lkopolice
This Youtuber is sharing a deepfake clip of @myogiadityanath with harmful and communal intentions which is criminal as per new BNS
Kindly take appropriate action pic.twitter.com/FhT27JoMQB
— Hindutva Knight (@HPhobiaWatch) February 12, 2025
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद यूजर्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इस वीडियो को साझा करने वाले फेसबुक पेज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लखनऊ पुलिस ने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में कहा कि उन्होंने वीडियो को संज्ञान में लिया है और आवश्यक कार्रवाई कर दी गई है.
- @Uppolice @gorakhpurpolice @lkopolice
This Youtuber is sharing a deepfake clip of @myogiadityanath with harmful and communal intentions which is criminal as per new BNS
Kindly take appropriate action pic.twitter.com/FhT27JoMQB
— Hindutva Knight (@HPhobiaWatch) February 12, 2025
इससे पहले भी हो चुकी हैं डीपफेक वीडियो की घटनाएं
मई 2023 में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जब नोएडा में एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डीपफेक वीडियो साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (STF) ने हाल ही में एक व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार किया है, जो सीएम योगी आदित्यनाथ के एआई जनरेटेड डीपफेक वीडियो को प्रसारित करने में शामिल था.
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश के मुताबिक, इस वीडियो का इस्तेमाल गलत जानकारी फैलाने और देश विरोधी तत्वों को मजबूत करने के लिए किया गया था.
डीपफेक तकनीक का गलत इस्तेमाल चिंता का विषय
डीपफेक तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञों और प्रशासन की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं. इस तरह के वीडियो गलत सूचना फैलाने और समाज में वैमनस्य उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
इस मामले में पुलिस ने उचित कदम उठाते हुए संबंधित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
(यह खबर डिजिटल माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार की गई है.)