नई दिल्ली. हिन्दू धर्म में पवित्र अग्नि के सात फेरे लेने के बाद दूल्हा-दुल्हन सदा के लिए एक हो जाते हैं. भारत में अलग-अलग धर्मो में अलग अलग रीति-रिवाजों से शादी होती है. वैसे तो आम शादी में आपने देखा होगा जहां पर मंडप को सजाया जाता है और फिर दूल्हा-दुल्हन की शादी होती है. शादी के समय पंडित मंत्रो का उच्चारण करते हैं और फिर दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है और उनकी शादी को सम्पन्न माना जाता है. लेकिन एक राज्य ऐसा भी है जहां दुल्हन खुद दुल्हे की मांग में सिंदूर भारती है.
मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का है. जहां पर विवाह की ऐसी प्रथा है, जिसमें दुल्हन भरती है दूल्हे की मांग. यहां शादी के दिन बारातियों और घरातियों की भारी भीड़ जुटती है. सभी इस अनोखी शादी का गवाह बनते हैं. बता दें कि शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन बाजार में जाते हैं. वहां पर दोनों मिलकर सिंदूर खरीदते हैं. वहीं इस तरह की शादी पर लोग कहते हैं कि दोनों को बराबरी का अहसास होता है.
ऐसे होती है शादी-
शादी के दिन दूल्हा अपने परिवार के साथ दुल्हन के घर के पास वाले बगीचे में उसके घर से आमंत्रण का इंतजार करता है. जिसके बाद दुल्हन के परिवार के लोग बगीचे में जाते हैं और फिर दूल्हा को अपने कंधो पर बिठाकर उसे मंडप तक लेकर आते हैं. वहां पहुंचने के बाद दुल्हन का भाई अपनी उंगली बहन को पकड़ाता है और भाई का सहारा लेकर दुल्हन बिना पीछे देखे दुल्हे की मांग में सिंदूर भरती है. इस शादी को छत्तीसगढ़ की 'मांग भरो सजनी' शादी के नाम से भी जाना जाता है.