भारत की कनाडा को सख्त चेतावनी; राजनीति में खालिस्तानियों को जगह देना बंद करो, वरना...
MEA spokesperson Randhir Jaiswal | PTI

नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर कनाडा से साफ शब्दों में कहा है कि वह अपने देश में खालिस्तानी उग्रवादियों और अलगाववादियों को कोई राजनीतिक स्थान न दे. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत लगातार कई महीनों और वर्षों से कनाडा को अपनी सुरक्षा संबंधी चिंताएं बताता आया है और खालिस्तानी तत्वों को मंच देने से रोकने की बात करता रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट कहा, "हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट रही है. हमने कनाडा को बताया है कि जो तत्व हिंसा की वकालत करते हैं या भारत से अलग होने की बात करते हैं, उन्हें किसी भी रूप में राजनीतिक समर्थन या स्थान नहीं मिलना चाहिए."

पाकिस्तान के लाहौर में नजर आया पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, भारत विरोधी रैली में दिखा लश्कर कमांडर.

जायसवाल ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कनाडा सरकार भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेगी और ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करेगी जो भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं.

कनाडा के रुख पर नजर

भारत-कनाडा संबंधों में कुछ समय से तनाव चल रहा है, खासकर तब से जब पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. हालांकि, अब कनाडा में नई सरकार के आने के बाद माहौल बदलने की उम्मीद की जा रही है.

कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं. यह संकेत है कि कनाडा अपने पुराने रुख में बदलाव कर सकता है.

जयशंकर और अनीता आनंद के बीच पहली बातचीत

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26 मई को कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद से बातचीत की. यह उनकी पहली टेलीफोनिक बातचीत थी, जिसे जयशंकर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया. उन्होंने लिखा, "कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. भारत-कनाडा संबंधों की संभावनाओं पर चर्चा हुई. उन्हें उनके नए कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं."

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों मंत्रियों ने भारत-कनाडा संबंधों को लेकर भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की.

भारत का संदेश स्पष्ट – उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

भारत का यह स्पष्ट संदेश है कि किसी भी देश को भारत-विरोधी या अलगाववादी तत्वों को मंच नहीं देना चाहिए. चाहे वह खालिस्तान के नाम पर हिंसा फैलाने वाले लोग हों या अलगाववाद को हवा देने वाले समूह, भारत उनकी उपेक्षा नहीं कर सकता. अगर भारत और कनाडा के रिश्ते फिर से मजबूत होने हैं, तो इसके लिए विश्वास और पारस्परिक सम्मान जरूरी है और यह तभी संभव है जब कनाडा खालिस्तानी तत्वों से दूरी बनाए.