VIDEO: आत्महत्या की कोशिश! अटल सेतु पुल पर महिला ने लगाई छलांग, कैब ड्राइवर ने बाल पकड़कर खींचा वापस, पुलिस ने भी दिखाई बहादुरी

नवी मुंबई, 16 अगस्त: नवी मुंबई के अटल सेतु पुल पर एक महिला द्वारा कथित आत्महत्या के प्रयास की घटना में पुलिस और एक कैब ड्राइवर ने बहादुरी से महिला की जान बचाई. 56 वर्षीय रीमा पटेल, जो मुलुंड की रहने वाली हैं, ने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन समय रहते उन्हें बचा लिया गया.

कैसे हुई घटना?

CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (जिसे अटल सेतु पुल के नाम से भी जाना जाता है) पर एक कैब ड्राइवर महिला के बालों को पकड़े हुए है, जबकि पुलिस का ट्रैफिक स्टाफ पुल की रेलिंग पर चढ़कर महिला को सुरक्षित खींच रहा है.

पुलिस निरीक्षक गुलफारोज मुजावर ने बताया कि उनकी गश्त वैन उसी सड़क पर गश्त कर रही थी, जब उन्होंने पुल पर एक कार को खड़ा देखा. शेलार टोल नाका के स्टाफ ने भी पुलिस टीम को सतर्क किया, जब उन्होंने पुल पर खड़ी एक कार और रेलिंग पर एक महिला को देखा.

पुलिस टीम, जिसमें कांस्टेबल ललित अमरशेट, किरण म्हात्रे और यश सोनावने शामिल थे, ने रेलिंग पर चढ़कर उस महिला को पकड़ा, जिसे पहले कैब ड्राइवर संजय द्वारका यादव (31) ने पकड़ा हुआ था.

महिला का दावा

पुलिस को दिए गए बयान में महिला ने दावा किया कि वह देवी-देवताओं की तस्वीरों को एक धार्मिक अनुष्ठान के तहत पानी में विसर्जित कर रही थी. उसने बताया कि वह पहले ऐरोली पुल गई थी, लेकिन उसके आध्यात्मिक गुरु ने उसे गहरे पानी की आवश्यकता बताई, इसलिए वह अटल सेतु पुल पर आई और रेलिंग पर चढ़कर तस्वीरों को एक-एक कर फेंकने लगी.

महिला के अनुसार, जैसे ही उसने तस्वीरें फेंकना शुरू किया, उसने ट्रैफिक पुलिस की जीप की आवाज सुनी और संतुलन खो दिया. कैब ड्राइवर को उसकी गतिविधियों पर संदेह हो गया था और वह उसके पास ही खड़ा था. जब महिला का संतुलन बिगड़ा और वह गिरने लगी, तो ड्राइवर ने तुरंत उसके बाल पकड़ लिए, और ट्रैफिक टीम ने उसे खींचकर सुरक्षित कर लिया.

मानसिक तनाव

पुलिस के अनुसार, रीमा पटेल के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह कुछ समय से मानसिक तनाव में थीं, क्योंकि वह नि:संतान थीं. घटना के समय उनके पति पुणे में थे, जिन्हें पुलिस ने सूचना दी.

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि संकट के समय में मानवता और साहस की शक्ति सबसे बड़ी होती है. कैब ड्राइवर और पुलिसकर्मियों की सूझबूझ और तत्परता ने एक महिला की जान बचाई, जो शायद मानसिक तनाव के कारण ऐसा कदम उठा रही थी. समाज को ऐसे संवेदनशील मामलों में जागरूकता और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी व्यक्ति को इस तरह के कदम उठाने की नौबत न आए.