ब्रिटिश मूल की सिख महिला हरप्रीत चंडी (Harpreet Chandi) ने 40 दिनों में थकाऊ अंटार्कटिक अभियान पूरा करने के बाद अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया है. हरप्रीत, जिसे प्रीत के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटिश सेना की नैदानिक प्रशिक्षण (clinical training officer ) अधिकारी हैं और उन्हें सेना में चिकित्सकों के प्रशिक्षण के आयोजन और सत्यापन का कार्य भी सौंपा गया है. प्रीत ने दक्षिणी ध्रुव तक 1120 किलोमीटर से अधिक की दूरी अकेले तय की. उसने अपनी पूरी यात्रा के दौरान अपने फॉलोवर्स को ऑडियो ब्लॉग से अपडेट रखा. यह भी पढ़ें: Viral Video: अपने पार्टनर की मृत्यु के बाद भी साथी को नहीं छोड़ना चाहता मोर, दिल को छू लेने वाला वीडियो वायरल
3 जनवरी को प्रीत ने बिना किसी उचित दल के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रच दिया. उसने अपनी सफलता की कहानी अपने इन्स्टाग्राम पर शेयर की है. "सभी को नमस्कार, 40वें दिन में चेक-इन कर रही हूं. मैंने इसे दक्षिणी ध्रुव से शुरू किया, जहां बर्फबारी हो रही है. अभी बहुत सारी भावनाएं महसूस कर रही हूं. मुझे तीन साल पहले ध्रुवीय दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं पता था और अंत में यहां होना कितना असली लगता है. यहां पहुंचना कठिन है और मैं हर किसी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. यह अभियान हमेशा मेरे बारे में बहुत अधिक था. मैं लोगों को अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, और मैं चाहती हूं कि आप इसे बिना करने में सक्षम हों एक विद्रोही करार दिया जा रहा है. मुझे कई बार नहीं कहा गया है और कहा गया है कि 'बस नॉर्मल काम करें', लेकिन हम अपना नॉर्मल खुद बनाते हैं. आप जो कुछ भी चाहते हैं उसके लिए आप सक्षम हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से हैं या आपकी शुरुआत कहां से हुई है, हर कोई कहीं से भी शुरू कर सकता है. मैं सिर्फ कांच की छत तोड़ना नहीं चाहती, मैं इसे लाखों टुकड़ों में तोड़ना चाहती हूं. मेरे साथ कौन है?" प्रीत ने पोस्ट को कैप्शन दिया.
देखें पोस्ट:
View this post on Instagram
देखें पोस्ट:
View this post on Instagram
क्या यह अविश्वसनीय नहीं है? पोस्ट को 16,000 से अधिक लाइक्स और कई प्रतिक्रियाएं मिली हैं. लोगों ने हरप्रीत की अविश्वसनीय उपलब्धि की बहुत प्रशंसा की और उसे भविष्य की चुनौतियों और रोमांच के लिए शुभकामनाएं दीं.
हरप्रीत की निजी वेबसाइट के अनुसार, उनका उपनाम पोलर प्रीत है और उन्होंने दक्षिणी ध्रुव पर अकेले, असमर्थित अभियान पूरा किया है. इसमें उसे 700 मील (लगभग 1120 किमी) की यात्रा करना शामिल था, सभी किट के साथ एक पुल्क (स्लेज) को खींचना, -50c तक के तापमान और 60mph तक की हवा की गति से जूझना. वह एक अल्ट्रा-मैराथन धावक और एक धीरज एथलीट भी हैं.