Ahmedabad: जगन्नाथ यात्रा के दौरान बेकाबू हुए 3 हाथी, DJ की तेज आवाज से बिगड़ा संतुलन; अफरातफरी में 4 लोग घायल (Watch Video)
Photo- @sirajnoorani/X

Elephant Out of Control in Rath Yatra: अहमदाबाद की ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया. यहां खाडिया फोर रोड के पास करीब सुबह 9:33 बजे रथ यात्रा की अगुवाई कर रहा एक नर हाथी अचानक बेकाबू हो गया. इसके बाद पीछे चल रहे दो-तीन हाथियों ने भी काफिले से बाहर निकलने की कोशिश की, जिससे कुछ देर के लिए यात्रा में अफरा-तफरी मच गई. अहमदाबाद नगर निगम के चिड़ियाघर विभाग के अधिकारी आर.के. साहू ने बताया कि हाथी डीजे की तेज़ आवाज और सीटी की आवाज से घबरा गया था. इस कारण वह नियंत्रण से बाहर हो गया.

रथ यात्रा में ये हाथी सबसे आगे चल रहा था, लेकिन हालात को देखते हुए तुरंत उसे पीछे लाया गया और खाडिया इलाके में चिड़ियाघर टीम की निगरानी में बांध दिया गया.

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जगन्नाथ यात्रा के दौरान बेकाबू हुए 3 हाथी

मादा हाथियों से कराया गया नियंत्रण

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हाथी को शांत करने के लिए जू विभाग की टीम ने दो मादा हाथियों को मौके पर बुलाया गया. क्योंकि हाथियों को सिर्फ हाथी ही शांत कर सकते हैं. इसके बाद तीन हाथियों, एक नर और दो मादा को यात्रा से हटा दिया गया.

पहले रथ यात्रा में कुल 17 हाथी शामिल थे, लेकिन अब 14 हाथियों के साथ ही यात्रा आगे बढ़ेगी. अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि हटाए गए हाथी अब रथ यात्रा में दोबारा शामिल नहीं होंगे.

इतिहास में हाथियों की खास भूमिका

यह पहला मौका नहीं है जब रथ यात्रा में हाथियों को लेकर चर्चाएं हुई हैं. 1985 में, जब कर्फ्यू और भारी तनाव के बीच यात्रा निकाली गई थी, तब "सरजूप्रसाद" नामक हाथी ने मंदिर गेट पर खड़ी पुलिस की वैन को सूंड से हटाया था. भक्तों ने इसे शुभ संकेत माना और यात्रा की शुरुआत कर दी.

1992 के सांप्रदायिक तनाव के दौरान भी इस हाथी को यात्रा में शामिल किया गया था और यात्रा सुरक्षित पूरी हुई थी. वहीं 1993 में, जब हिंसा की आशंका थी, तो यात्रा मार्ग पर बुलेटप्रूफ कांच लगाए गए थे, लेकिन दंगे फिर भी भड़क उठे थे.

सावधानी की जरूरत

अधिकारियों ने यात्रा आयोजकों और जनता से अपील की है कि डीजे, सीटी और तेज आवाज के अन्य साधनों का इस्तेमाल कम करें, ताकि जानवरों पर असर न पड़े और यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.