आमतौर पर इडली-सांभर दक्षिण भारत का तेल-मसाला रहित स्वास्थ्यवर्धक एवं स्वादिष्ट डिश माना जाता है, जिसे ब्रेकफास्ट अथवा खाने दोनों के ही रूप में लिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इडली की पैदाइश दक्षिण भारत नहीं, बल्कि इंडोनेशिया बताया जाता है. इंडोनेशिया से ही यह दक्षिण भारत पहुंचा, और शीघ्र ही संपूर्ण भारत में इडली पसंद किया जाने लगा. पिछले नौ वर्षों से प्रत्येक 30 मार्च को दुनिया भर में विश्व इडली दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर आइये जानते हैं कि महज चावल और उड़द से बने इस सादे मगर सबके फेवरेट डिश के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारियां...
कैसे अस्तित्व में आया इडली
विख्यात खाद्य वैज्ञानिक एवं इतिहासकार केटी आचार्य के अनुसार इडली शब्द की उत्पत्ति ‘इद्दलिगे’ से हुई. इसकी उत्पत्ति इंडोनेशिया में 7वीं से 12वीं शताब्दी बताया जाता है, जहां इसे केदली या केदारी के नाम से जाना जाता था. इडली का उल्लेख मानसोल्लासा नामक संस्कृत विश्वकोश, में ‘इद्दरिका’ नाम से भी मिलता है, जिसमें स्पष्ट वर्णित था कि यह उड़द के आटे से बनाया जाता है, जिसमें बारीक पिसी काली मिर्च, जीरा, और हींग मिलाते हैं. आचार्य के अनुसार दक्षिण भारतीय रसोइये, भारत लौटते समय वहां की अन्य संस्कृतियों के साथ-साथ इडली-प्रथा भी भारत ले आये. वहीं कुछ खाद्य इतिहासकारों में इडली के स्त्रोत को लेकर कुछ दुविधाएं हैं. उदाहरणार्थ लिजी कॉलिंग होम इडली का श्रेय अरब व्यापारियों को देते हैं, जो दक्षिण भारतीय तट पर बसे थे. हलाल खाद्य-पदार्थ नहीं मिलने पर उन्होंने नारियल चटनी के साथ उबले चावल के गोले (इडली जैसा) का विकल्प चुना था. यह भी पढ़ें : Rajasthan Diwas 2024: 30 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है राजस्थान दिवस? जानें क्या है इस राज्य का गौरवशाली इतिहास?
विश्व इडली दिवस का इतिहास
एक रिपोर्ट के अनुसार 30 मार्च 2015 को चेन्नई के विख्यात रेस्तरां मल्लीपू इडली के मालिक और कैटरर एनियावन ने विश्व इडली दिवस सेलिब्रेशन की शुरुआत की. इस दिवस को खास बनाने के लिए एनियावन ने लगभग 1328 किस्म की विभिन्न स्वादों वाली इडली बनाई. इसके अलावा 44 किलो का एक विशाल आकार की इडली तैयार कर एक ब्यूरोक्रेट से कटवाया. इस तरह विश्व इडली दिवस मनाए जाने की शानदार शुरुआत हुई. इसके बाद से हर वर्ष विश्व इडली दिवस के रूप में दुनिया भर में विश्व इडली दिवस मनाया जा रहा है.
इडली से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
* रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक भारतीय रक्षा प्रयोगशाला रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला (DFRL), ने सांबर पाउडर और चटनी पाउडर के साथ 'स्पेस इडली' तैयार की, जिसे भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया गया था.
* केरल का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन, 'रामासेरी इडली' कहलाता है. कहते हैं कि मुदलियार परिवार के बुनकर, तमिलनाडु से केरल आकर पलक्कड़ के रामसेरी में बस गए. उन्हीं परिवारों की महिलाओं ने 'रामासेरी इडली' तैयार की, जिनका जादू आज भी बाहर से आनेवाले खाने के शौकीनों को लुभाता है.
* किसी भी डिश की तुलना में इडली ज्यादा आसानी से पचाया जाने वाला खाद्य है, क्योंकि इसमें तेल या मसाला नहीं मिलाया जाता, इसलिए रोगियों को भी ज्यादातर इडली परोसी जाती है.
* कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में स्थानीय लोग नारियल के छिलके और कटहल के पत्तों के साथ इडली पकाते हैं.