सनातन धर्म में वैशाख मास को अन्य माह से ज्यादा श्रेष्ठ बताया गया है, यही वजह है कि इस माह की अमावस्या को भी विशेष प्रभावशाली माना जाता है. वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वैशाख अमावस्या भी कहते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार इस वैशाख अमावस्या पर कई शुभ योग एवं नक्षत्र बन रहे हैं. स्नान-दान के तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, इन मुहूर्त में गंगा, गोदावरी अथवा नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान-दान करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
इस दिन पितरों को प्रसन्न करने एवं आशीर्वाद पाने के लिए तर्पण, पिण्ड-दान, हवन आदि किये कार्यों से भी वांछित फल प्राप्त होते हैं. इस दिन ब्राह्मणों दान-दक्षिणा देने से अक्षुण्य पुण्य प्राप्त होता है. आइये जानते हैं इस शुभ दिन पर बन रहे शुभ योग, नक्षत्र एवं शुभ मुहूर्त के बारे में और जानेंगें कि इस दिन क्या कुछ करने से किन फलों की प्राप्ति होगी. यह भी पढ़े :Weekly Horoscope 2024: साप्ताहिक राशिफल में जानिए, आपका पारिवारिक जीवन, आर्थिक दशा, स्वास्थ्य व कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति, इस सप्ताह कैसी रहेगी
कब है वैशाख अमावस्या?
विभिन्न पंचांगों में वर्णित तिथियों एवं समय को लेकर जातकों के मन में दुविधा है कि वैशाख मास की अमावस्या 7 मई को मनाई जाए या 8 मई को. ज्योतिष शास्त्री संजय शुक्ल के अनुसार निम्न स्थितियों का अध्ययन करने से सारी दुविधाएं स्पष्ट हो जाएंगी.
वैशाख अमावस्या की मूल तिथि एवं शुभ मुहूर्त.
वैशाख कृष्ण पक्ष अमावस्या प्रारंभः 11.40 (07 मई 2024, मंगलवार)
वैशाख कृष्ण पक्ष अमावस्या समाप्तः 08.51 (08 मई 2024, बुधवार)
उदया तिथि के अनुसार 08 मई 2024 को दर्श अमावस्या मनाई जाएगी.
स्नान-दान के तीन शुभ मुहूर्तः
पहला शुभ मुहूर्तः 04.10 AM से 04.52 AM तक
दूसरा शुभ मुहूर्तः 05.34 AM से 07.14 AM तक (उन्नति मुहूर्त)
तीसरा शुभ मुहूर्तः 07.14 AM से 08.55 AM तक (अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त)
तीन शुभ योगों का संयोग
इस वर्ष 3 शुभ योगों (सर्वार्थ सिद्धी योग, सौभाग्य योग और शोभन योग) के संयोग में मनाया जाएगा वैशाख अमावस्या
सौभाग्य योग सूर्योदय से 05.41 PM बजे (8 मई 2024)
शोभन योग 05.42 PM बजे से पूरी रात तक (8 मई 2024)
सर्वार्थ सिद्धी योग 01.33 PM (8 मई 2024) से 05.34 AM (09 मई 2024) तक
भरणी एवं कृत्तिका नक्षत्र
भरणी नक्षत्रः सूर्योदय से 01.33 PM तक इसके पश्चात कृतिका नक्षत्र लग जाएगा
वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय अवश्य करें
* यह दिन स्नान-दान के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के पश्चात नदी में दीप-दान कर ब्राह्मणों को दान दें, इससे जाने-अनजाने किये पाप के कष्ट नष्ट हो जाते हैं.
* वैशाख अमावस्या के दिन दक्षिण भारत में शनि जयंती भी मनाई जाती है. इसलिए इस दिन सभी प्रकार के शनि दोष के उपाय के लिए शनि मंदिर जाकर शनिदेव को नीले अथवा काले रंग का वस्त्र और तिल अर्पित कर, तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें, शनि दोष से राहत मिलेगी
* वैशाख अमावस्या का दिन पितरों की सेवा के लिए भी उपयुक्त दिन माना जाता है. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण एवं पिण्ड-दान करने से वह प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
* इस दिन पशु-पक्षियों को ताजा भोजन कराने से भी पितर प्रसन्न होते हैं.
अमावस्या की पूजा विधि
वैशाख अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर मुहूर्त के अनुसार स्नान-ध्यान करें. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके पश्चात व्रत रखते हुए पितरों का तर्पण करें. पितरों की आत्मा की शांति के लिए निम्न मंत्रों का जाप करें, साथ ही नीचे दिये उपाय करें.
ॐ पितृ देवतायै नम:
ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: