Vaikuntha Chaturdashi 2022 Photos & Greetings: वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi 2022) के शुभ अवसर पर आज लाखों भक्त अपने इष्ट देवता, महादेव (भगवान शिव) और श्री हरि विष्णु की पूजा करेंगे. यह एक अनूठा त्योहार है, क्योंकि यह दो श्रद्धेय देवताओं के बीच सौहार्द का जश्न मनाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैकुंठ चतुर्दशी, चतुर्दशी तिथि, कार्तिक शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है और इस साल यह हिंदू तिथि 6 नवंबर यानी आज पड़ रही है. यह भी पढ़ें: Vivah Shubh Muhurat 2022: नवंबर-दिसंबर में कुछ ही दिन बजेंगी शहनाइयां! ज्योतिषाचार्य से जानें शुभ मुहूर्तों का क्यों है अकाल?
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के भक्त विष्णु सहस्रनाम विष्णु के हजार नामों का पाठ करते हुए उन्हें 1000 कमल अर्पित करते हैं. इस दिन को विष्णु भक्त कार्तिक स्नान के रूप में भी मनाते हैं. भगवान विष्णु को गहरी नींद से जागने के कारण इस दिन को गंगा तट पर ऋषिकेश में दीपदान उत्सव के रूप में मनाया जाता है. शाम को पवित्र गंगा में दीपक जलाए जाते हैं. इसके साथ कई सांस्कृतिक उत्सव होते हैं. वैकुंठ चतुर्दशी का हिंदू धर्म मे विशेष महत्व बताया जाता है. इस अवसर पर शिव और श्रीहरि की उपासना करने के अलावा भक्त एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. बैकुंठ चतुर्दशी के पावन पर्व पर आप अपने प्रियजनों को भगवान विष्णु के आकर्षक इमेजेस, विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- वैकुंठ चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं
2- वैकुंठ चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं
3- वैकुंठ चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं
4- वैकुंठ चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं
5. वैकुंठ चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं
इस दिन को भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र प्राप्त करने का त्योहार माना जाता है. श्रीनगर के उत्तराखंड के कमलेश्वर मंदिर में इस दिन को उपलब्धि का प्रतीक मानकर आज भी भक्त पुत्र प्राप्ति की कामना से हर वर्ष इस पर्व पर रात्रि के समय साधना करने के लिए मंदिर में आते हैं. इतने सारे भक्त इस मंदिर में दर्शन और मोक्ष की भावना के साथ आते हैं. जिससे यह मेला उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में एक विशेष धार्मिक मेले का रूप ले चुका है.