सनातन धर्म के अनुसार श्रावण मास साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है. चूंकि सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में जा चुके होते हैं, लिहाजा उनकी जगह भगवान शिव ही सृष्टि का पालनहार होते हैं. इससे शिव-पूजा एवं व्रत का महात्म्य कई गुना बढ़ जाता है. श्रावण मास में कुछ शिव-भक्त पूरे माह उपवास रखते हैं तो बहुत सारे पुरुष एवं महिलाएं श्रावण के प्रत्येक सोमवार को उपवास रखते हैं. ऐसे में व्रतियों को कुछ ऐसे फलाहार का सेवन करना चाहिए, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी हो. यहां कुछ ऐसे ही फलाहारी व्यंजन लेकर आ रहे हैं, आप इसे झटपट बना सकते हैं.
मैंगो-पुदीना
इन दिनों आम की बहार है. पुदीना पेट को तरोताजा करता है. अगर आप उपवास में फलाहार के साथ मैंगो-मिंट लस्सी का सेवन करें, तो जायका, और तरावट के साथ-साथ आपका शरीर हाइड्रेट भी रहेगा. तथा पाचन भी सुचारु रहेगा. इसे बनाना बहुत आसान है.
सामग्रीः
आधा किलो पका आम
एक गड्डी ताजा पुदीना
काजू, किशमिश 50 ग्राम (कतर लें)
शक्कर आवश्यकतानुसार
दूध आधा लीटर (उबालकर फ्रिज में ठंडा कर लें)
विधिः आम धोकर छिलके उतार लें. गूदे को मिक्सी में पीसकर ऊपर से दूध मिलाकर मिक्सी चलाएं. तीन-चार गिलास में निकालकर फ्रिज में रख लें. परोसने से पूर्व ऊपर से ड्राय फ्रूट छिड़क दें.
फलाहार कढ़ी
कढ़ी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचन क्रिया दुरुस्त करता है. यह बहुत आसानी से और झटपट बनाया जा सकता है. आलू सिंघाड़े के आटे से बनी पूरी के साथ इसे खाया जा सकता है..
सामग्रीः ताजी दही 250 ग्राम
खट्टी दही 250 ग्राम
सिंघाड़े का आटा 250 ग्राम
अदरक एक इंच (किस लें)
लाल मिर्च पाउडर चुटकी भर
करी पत्ता 10-12 पत्तियां
हरी मिर्च स्वादानुसार
हरा धनिया एक गड्डी (बारीक काट लें)
आलू आधा किलो
तलने के लिए तेल
सेंधा नमक आवश्यकतानुसार
विधिः
पकौड़ी बनाने के लिएः एक बड़े बाउल में तीन बड़े चम्मच सिंघाड़े का आटा, कटी हरी मिर्च, आधा छोटा चम्मच किसा हुआ अदरक, स्वादानुसार सेंधा नमक, एक चम्मच हरा धनिया कटा हुआ, दो बड़ा चम्मच दही, अब इसमें पानी मिलाकर अच्छी तरह गूंथ कर पकौड़ी बनाने योग्य मिश्रण तैयार कर लें. एक पैन में मध्यम आंच पर तेल गरम करें. इसमें पकौड़ियां डालकर डार्क ब्राउन कलर आने तक फ्राई करें और एक बाउल में रख लें.
कढ़ी का घोल बनाने के लिएः एक बाउल में एक प्याला खट्टी दही लें इसमें दो चम्मच सिंघाड़े का आटा डालकर अच्छी तरह से फेंट लें. ऊपर डेढ़ प्याला पानी मिलाकर एकसार कर लें. अब मध्यम आंच पर कड़ाही रखें. एक चम्मच तेल डालकर गरम करें. तेल गरम होने के बाद इसमें आधा चम्मच जीरा, चुटकी भर सेंधा नमक, दो खड़ी लाल मिर्च, करी पत्ता. आधा चम्मच किसा हुआ अदरक फ्राय करने के बाद ऊपर से तैयार कढ़ी का घोल डालकर उबालें. अच्छी तरह उबाल आने के बाद पहले से तैयार पकौड़ियां कढ़ी में डाल दें. 15 से 20 मिनट तक पकाएं. बस आपकी फलाहार कढ़ी तैयार है.
फलाहारी कचौड़ी
व्रत में थोड़ी चटपटी चीजें मिलती हैं तो जुबान का जायका बढ़ा देती हैं. कचौड़ी ऐसा ही एक व्यंजन है, जो हर किसी को पसंद आता है. कचौड़ी और कढ़ी का कॉम्बिनेशन बहुत शानदार होता है. इसे भी कम समय में आसानी से बनाया जा सकता है.
सामग्रीः
आलू आधा किलो (उबाल लें)
नारियल 1
दही 500 ग्राम
काली मिर्च आधा छोटा चम्मच पाउडर
गरम मसाला आधा चम्मच
मूंगफली 250 ग्राम
सिंघाड़े का आटा 250 ग्राम
चीनी दो चम्मच
ताजा नींबू 1
तलने के लिए रिफाइंड तेल
विधिः एक बाउल में सिंघाड़े का आटा, सेंधा नमक स्वादानुसार एवं दो छोटा चम्मच तेल मिलाकर अच्छी तरह मिक्स करें औऱ पानी से गूंध लें.
अब उबले हुए आलू को सफाई के साथ छील लें. इसे अच्छी तरह से मसल लीजिये, इसमें कटी हरी मिर्च, काली मिर्च का पाउडर, अमचूर, किसा हुआ अदरक, स्वादानुसार सेंधा नमक इन सारे मिश्रण को अच्छी तरह मिक्स कर लें. कचौरी में भरने के लिए मिश्रण तैयार है. सिंघाड़े के गूंधे हुए आटे में ये मिश्रण भर कर हलका सा बेल लें.
अब कड़ाही में तेल गरम करें. इसमें एक-एक करके सारी कचौड़ियां गहरा भूरा होने तक तल लें.
अब इस स्वादिष्ट कचौड़ियों के साथ कढ़ी का जायका लें, और स्वीट डिश के रूप में आपका पुदीना लस्सी तैयार है.