Shivaji Jayanti 2024 Messages in Hindi: आज (19 फरवरी 2024) महाराष्ट्र (Maharashtra) के महान मराठा शासक और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji) की जयंती मनाई जा रही है. मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में शहाजी राजे भोसले और जीजाबाई के घर हुआ था, इसलिए हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) मनाई जाती है, जिसे शिव जयंती (Shiv Jayanti) और शिवाजी जयंती (Shivaji Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती मनाई जा रही है. शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी राजे भोसले था, लेकिन जब साल 1674 को औपचारिक तौर पर उन्हें मराठा साम्राज्य का ताज पहनाया गया था, जिसके बाद से उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज कहा जाने लगा.
महाराष्ट्र के गौरव कहे जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पूरे राज्य में धूमधाम से मनाई जाती है और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा और उनके बलिदान को याद किया जाता है. इसके साथ ही आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- इस देश के खून में वीरता,
और जोश हमेशा बना रहे...
शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं
2- हर मराठा पागल है....
भगवे का,
स्वराज का,
शिवाजी राजे का...
जय भवानी... जय शिवाजी...
शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं
3- जब शिवाजी राजे की,
तलवार चलती है तो,
औरतों का घूंघट और,
ब्राह्मणों का जनेऊ सलामत रहता है.
शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं
4- बिना रुके हर कठिनाई में कदम बढ़ाना,
आसान नहीं है, मातृभूमि पर शीश चढ़ाना.
शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं
5- हिंदुत्व की पहचान शिवाजी,
स्वराज का दूसरा नाम शिवाजी,
देश का अभिमान शिवाजी,
राष्ट्र की है शान शिवाजी.
शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं
इतिहास इस बात का गवाह है कि शिवाजी महाराज न तो दिल्ली की गद्दी के आगे झुके और न ही अंग्रेजों के सामने. ऐसे महान मराठा शासक को पूरे महाराष्ट्र में भगवान की तरह पूजा जाता है. छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे बहादुर और बुद्धिमान राजाओं में से एक थे. उनकी जयंती मनाने की शुरुआत सन 1870 में पुणे में महात्मा ज्योतिराव फुले द्वारा की गई थी. बताया जाता है कि महात्मा फुले ने रायगढ़ में शिवाजी महाराज की समाधि की खोज की और उनकी जयंती मनाने की शुरुआत की. उनके बाद शिवाजी जयंती मनाने की परंपरा को गंगाधर तिलक ने आगे बढ़ाया और यह सिलसिला सालों से बरकरार है.