षड्ग्रही योग सालों बाद बनता है. जिसकी वजह से हर राशियों में भारी उथल-पुथल की संभावना रहती है. यह दुर्लभ षड्ग्रही योग माघ कृष्णपक्ष की त्रयोदशी में बन रहा है. माघ शुक्लपक्ष की पहली तिथि में पूरा होगा. इस योग का प्रभाव सभी बारह राशियों पर रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि में चंद्रमा, सूर्य, गुरु, शनि, बुध और शुक्र ग्रह मिलकर षड्ग्रही योग बना रहे हैं. ऐसा दिव्य संयोग लगभग 59 साल बाद बन रहा है. यह षड्ग्रही योग माघ कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानी 9 फरवरी की देर शाम से प्रारंभ हुआ है और खगोलशास्त्रियों का मानना है कि यह महायोग माघ शुक्लपक्ष की पहली तारीख अर्थात 11 फरवरी की देर रात तक रहेगा. इस योग का प्रभाव सभी राशियों पर रहेगा. वृष, कन्या और मकर राशि जातकों के लिए शुभ संकेत बनते दिख रहे हैं. आइए जानते हैं षड्ग्रही योग का किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है. यह भी पढ़ें: शनि-दोष को शांत करने के लिए इन उपायों को अमल में लाएं, जीवन बनेगा खुशहाल
इन राशियों के लिए रहेगा शुभ:
षड्ग्रही योग मेष, सिंह और धनु राशि वालों के लिए शुभ रहेगा. इन तीनों राशियों के लिए यह सामान्य प्रभावकारी है. कोई बड़ा शुभ समाचार मिलने की संभावना है. महत्वूर्ण प्रयासों को आगे बढ़ाने में योग सहायक होगा.
इन राशियों को नहीं मिलेगा फल:
षठ्ग्रही योग मिथुन, तुला और कुंभ राशि के चौथे, आठवें और बारहवें स्थान पर बन रहा है. इन राशियों के लोगों को जल्दबाजी और लापरवाही से बचने की कोशिश करनी होगी. सफलता मिलने की संभावना ना के बराबर है, लेकिन असफलता से बचने की कोशिश तो कर ही सकते हैं. किसी भी कार्य या जिम्मेदारी को सोच समझ कर लें और तन्मयता के साथ पूरी करें. इस महायोग का असर वायु तत्वों पर भी पड़ सकता है. इस कारण तेज हवाओं से जनजीवन प्रभावित होगा. भूगर्भीय हलचलों में योग असरकारी नहीं है.