Maharana Pratap Jayanti 2024: महाबलशाली, निर्भीक, शूरवीर और चतुर योद्धा महाराणा प्रताप सिंह के जीवन के कुछ छुए-अनछुए पहलू!
Maharana Pratap Jayanti 2024

भारत के महान शूरवीर और बहादुर योद्धाओं में एक थे महाराणा प्रताप सिंह, जिनकी बहादुरी के किस्से आज भी देश-विदेश में लोकप्रिय हैं. उनका जन्म कुंभलगढ़ में महाराणा उदय सिंह द्वितीय के राजमहल में उनकी पहली पत्नी महारानी जयवंता बाई के गर्भ से हुआ था. राणा प्रताप ने अपने दमखम पर 1572 से 1597 तक राज किया, यद्यपि इस बीच वे लगातार युद्ध भी लड़ते रहे. अपने शासनकाल में इस वीर योद्धा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें एक नाम मुगल बादशाह अकबर था, जो किसी भी कीमत पर मेवाड़ पर कब्जा करना चाहता था, लेकिन उसके तमाम दबावों, धमकियों एवं लालच के बावजूद महाराणा ने उसके सामने समर्पण करने के बजाय युद्ध करना स्वीकार किया. वे जीवन पर्यंत लड़ते रहे. भारतीय इतिहास में उन्हें एक महान योद्धा के रूप में याद किया जाता है. आज भी माँ अपने बच्चों को उनकी बहादुरी, शूरवीरता और देशभक्ति के किस्से सुनाती हैं. महाराणा प्रताप की जयंती (09 मई 1540) पर राणाप्रताप के जीवन के कुछ छुए-अनछुए पहलू प्रस्तुत हैं.

महाराणा प्रताप सिंह के जीवन के 7 छुए-अनछुए पहलू

* महाराणा प्रताप एक कुशल घुड़सवार और तलवारबाज थे. उन्होंने बचपन से ही युद्धकला और घुड़सवारी की कला सीखी. यह उनकी युद्ध कला का ही कमाल था, कि मुट्ठी भर सैनिकों के साथ भी वह हजारों मुगल सैनिकों को धूल चटाने से बाज नहीं आते थे.

* बताया जाता है कि महाराणा प्रताप सिंह की 11 पत्नियां थीं. उनकी पहली पत्नी महारानी अजबदे कुंवर थीं.

* महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह केवल 15 वर्ष के थे, जब उन्होंने हल्दीघाटी की लड़ाई में मुगलों के वीरता से संघर्ष किया, और उनकी हालत पस्त कर दी.

* हल्दीघाटी के युद्ध के बाद, महाराणा प्रताप कई सालों तक जंगलों में भटकते रहे और मुगलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ते रहे.

* महाराणा प्रताप की सेना में राजपूत, भील और जाट ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल थे, भले ही अकबर के साथ उनकी कितनी भी गहरी दुश्मनी क्यों न हो.

* महाराणा प्रताप सिंह कला और साहित्य के प्रबल समर्थक ही नहीं संरक्षक भी थे. उन्होंने अपने राज्य में संगीत, नृत्य और कविता को खूब बढ़ावा दिया.

* महाराणा प्रताप सिंह का खाना खाने का बड़ा ही अनोखा तरीका था, वह केवल एक ही आग पर पका खाना खाते थे. उनका खाना पकाने के लिए लकड़ियां जंगल से आती थी.

* महाराणा प्रताप भगवान शिव के परम भक्त थे, और उनके प्रति गहरी आस्था रखते थे. उन्होंने अपने राज्य में भगवान शिव को समर्पित कई मंदिर बनवाए थे.