Lakshmi-Ganesh Murti for Diwali 2023: दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर सुख-संपदा से भरपूर होना चाहते हैं तो मूर्तियां खरीदते समय इन बातों का अवश्य ध्यान रखें!
लक्ष्मी पूजन 2022 (Photo Credits: File Image)

दिवाली ज्यों-ज्यों करीब आती जा रही है, बाजार में रौनक और भीड़ बढ़ रही है. लोग इस महापर्व के विभिन्न दिनों के लिए अपनी जरूरत की खरीदारी में जुटे हैं. सबसे ज्यादा ध्यानाकर्षण कर रही हैं माता लक्ष्मी एवं गणेश की रंग-बिरंगी भिन्न-भिन्न आकारों की प्रतिमाएं, क्योंकि इन प्रतिमाओं के बिना दिवाली की कल्पना बेमानी है. अगर आप भी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा खरीदने जा रहे हैं, तो हिंदू धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए कुछ बातों को समझना होगा, क्योंकि इन प्रतिमा की पूजा करके ही आप अपने घर में सौभाग्य और समृद्धि की कामनाएं करते हैं. यहां आपको बताया जा रहा है कि गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.

* पौराणिक कथाओं के अनुसार यह सत्य है कि लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू है, लेकिन दिवाली पूजा के लिए उल्लू पर सवार लक्ष्मी की प्रतिमा अथवा तस्वीर घर पर नहीं लाएं. ऐसा करना घर में नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रण देने जैसा साबित हो सकता है. यह भी पढ़ें : Dhanteras 2023 Shubh Muhurat: धनतेरस पर इस मुहूर्त में करें खरीदारी! इसी दिन लग रहे विष्कुंभ काल की गई खरीदारी हानिकारक है! जानें विस्तार से!

* दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की साथ-साथ पूजा का विधान है. लेकिन आप प्रतिमा अथवा फोटो खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि लक्ष्मी एवं गणेशजी की प्रतिमा एक दूसरे से जुड़ी हुई ना हों. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मी-गणेश की जुड़ी प्रतिमा की पूजा का कोई पुण्य-फल नहीं मिलता है

* गणेशजी की प्रतिमा में सूंड को लेकर अकसर दुविधा रहती है, कि किस दिशा में मुड़ी सूंड वाले गणेशजी की पूजा घर करने से शुभ फल मिलता है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार घरों में जिन गणेशजी की पूजा होनी चाहिए, उनकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए, क्योंकि दाईं ओर मुड़ी सूंड वाले गणेशजी की पूजा-अर्चना को लेकर तमाम बातें शास्त्रों में बताई गई हैं. जिनका पालन करना जरूरी होता है. हालांकि दाईं ओर मुड़े सूंड वाले गणेश जी की विधि-विधान से पूजा से वे प्रसन्न होकर भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं, इसलिए मंदिरों में स्थापित गणेशजी की प्रतिमा का सूंड दाईं ओर मुड़ा होता है, क्योंकि वहां पुरोहित पूरे विधि-विधान से गणेशजी की पूजा करते हैं. साथ ही दिवाली पर गणेशजी के साथ उनका प्रिय वाहन मूषक जरूर होना चाहिए

* लक्ष्मीजी की प्रतिमा में उनके हाथ वरद मुद्रा में होनी चाहिए, अर्थात नीचे की ओर, हथेली बाहर की ओर और उंगलियां नीचे की ओर होनी चाहिए. ज्योतिषियों के अनुसार लक्ष्मी जी की इस अंदाज वाली प्रतिमा धन आगमन का संकेत देती है.

* हिंदू धर्म में प्रतिमा-पूजा विशेष फलदायी माना जाता है, लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रतिमा का कोई हिस्सा खंडित नहीं होना चाहिए, ना ही जुड़ा होना चाहिए. वरना आपकी पूजा निरर्थक ही नहीं कष्टकारी भी साबित हो सकती हैं.

* इन दिनों अकसर पटाखों पर लक्ष्मी-गणेश के तस्वीरें होती हैं, ऐसे पटाखों को जलाना लक्ष्मी-गणेश का अपमान करना होगा.

हिंदू पंचांग के अनुसार पांच दिवसीय दिवाली का महापर्व आश्विन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी (धनतेरस) से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया (भाई दूज एवं चित्रगुप्त पूजा) को सम्पन्न होती है. इस वर्ष 10 नवंबर 2023 से 15 नवंबर तक दिवाली का पर्व मनाया जाएगा. दिवाली का प्रमुख अनुष्ठान यानी लक्ष्मी-पूजा 12 नवंबर 2023, रविवार को होगा.