World Heart Day 2018: हार्ट अटैक के इन शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज
हार्ट अटैक ( (Photo Credits: The NY Center for The Prevention of Heart Disease/Facebook)

एक ऐसा दौर था जब दिल की बीमारियों को खतरा बढ़ती उम्र के साथ ही बढ़ता था, लेकिन बदलते लाइफस्टाइल के इस दौर में यह गंभीर बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकती है. आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में हार्ट डिजीज का खतरा दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है. खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान को दिल की बीमारियों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है. दिल इंसान के शरीर का वो अहम अंग है जिसने काम करना बंद कर दिया या फिर उसमें कोई खराबी आ गई तो इंसान की सांसे हमेशा-हमेशा के लिए थम सकती हैं. इस गंभीर बीमारी के प्रति लोग जागरूक हो सकें, इसलिए हर साल 29 सितंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है.

दिल की बीमारियों में हार्ट अटैक के ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि जानकारी के अभाव के कारण इस स्थिति से निपटने में देरी हो जाती है और कई बार हार्ट अटैक जानलेवा साबित हो जाता है. ऐसे में अगर समय रहते इस गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इससे बचाव मुमकिन है. चलिए वर्ल्ड हार्ट डे के इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों के बारे में, ताकि समय रहते आप इन लक्षणों को पहचान कर अपनी जान बचा सकें.

दर्द का अहसास

हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण है छाती के बीच में तेज और दबाव वाला दर्द महसूस होना. यह दर्द आमतौर पर शरीर में बायीं तरफ होता है. खासतौर से बायें हाथ, कमर और दो कंधों के बीच में दर्द हो तो यह हार्ट अटैक से जुड़ा लक्षण हो सकता है.

अत्यधिक पसीना

अगर किसी व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा पसीना आने लगे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए. दरअसल, नर्वस सिस्टम के ज्यादा एक्टिव होने की वजह से पसीना आता है और जब व्यक्ति तेज दर्द महसूस करता है तो ब्लड प्रेशर व दिल की धड़कने तेज हो जाती है और उसे ज्यादा पसीना आने लगता है.

सीने में जलन

सीने में दर्द और जलन से बैचेनी होती है, जिससे व्यक्ति कई बार एसिडिटी और दिल में चुभन के साथ कंफ्यूज हो जाता है. अगर आपको सीने में जलन हो रही है तो इस संकेत को नजरअंदाज न करें. कई बार व्यक्ति इसे गैस, एसिडिटी और अपच की मामूली समस्या समझ लेता है और फिर उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

अन्य लक्षण

इनके अलावा दिमाग का हल्का लगना, कुछ सेकेंड के लिए आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, थकान, चिंता, उबकाई की तेज फीलिंग इत्यादि हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. इसलिए समय रहते इन संकेतों को पहचानकर तुरंत डॉक्टरी सहायता लें.

क्या करें?

  • हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करें.
  • मेडिकल सुविधा उपलब्ध न होने पर व्यक्ति को सीधा लेटने के लिए कहें और उसके कपड़ों को ढीला कर दें.
  • मरीज की पल्स चेक करें. कलाई की पल्स चेक करने की बजाय गर्दन की साइड की पल्स चेक  करें, क्योंकि ब्लड प्रेशर हो जाने पर कलाई की पल्स का पता नहीं चल पाता है.
  • मरीज के पास हवा आने के लिए जगह छोड़ें और उसे लंबी सांस लेने के लिए कहें.
  • अगर व्यक्ति को सांस नहीं आ रही है तो उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश करें.
  • अगर पीड़ित को उबकाई आ रही है, तो उसे एक तरफ मुड़कर उल्टी करने को बोलें.
  • पीड़ित के दोनों पैरों को उठा दें, ताकि हृदय तक ब्लड सप्लाई को सही किया जा सके.
  • अगर व्यक्ति बेहोशी की हालत में है तो कार्डियोपलमिनरी रिसीसटैशन (सीपीआर) करें.

क्या न करें?

  • मरीज के दिल की धड़कन जाने बिना थम्पिंग और पंपिग करने से बचना चाहिए.
  • जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाए तो ऐसे में उसे कुछ खिलाने की कोशिश न करें.
  • एस्प्रिन ब्लड क्लॉट रोकने में मदद करती है, लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के इसे मरीज को देने से बचें.