वैसे तो बढ़ती उम्र के साथ लगभग हर किसी को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं (Health related Problems) का सामना करना पड़ता है. लेकिन कई लोग अपनी सेहत (Health) के प्रति इतने लापरवाह होते हैं कि कम उम्र में ही कई बीमारियों (Diseases) के शिकार हो जाते हैं. लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए सेहत के प्रति ध्यान देना बेहद जरूरी है. खासकर महिलाएं अपनी सेहत के प्रति ज्यादा लापरवाह नजर आती हैं. ऐसे में उनमें कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा दूसरों की तुलना में ज्यादा होता है. हालांकि कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं जो महिलाओं में बेहद सामान्य है और किसी भी उम्र में वो इन बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं.
चलिए जानते हैं ऐसी ही 5 सामान्य बीमारियों (5 Common diseases in Women) के बारे में, जिनका खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है, ताकि समय रहते आप अपनी जांच कराते रहें और खुद को इन बीमारियों से बचा सकें.
1- शरीर में विटामिन डी की कमी
विटामिन डी की कमी अधिकांश महिलाओं में पाई जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 70 फीसदी महिलाएं इस समस्या से पीड़ित हैं. दरअसल, अधिकांश महिलाएं अपना सारा वक्त घर के कामों में बिता देती हैं और वो धूप में निकलने से बचती हैं, जिससे उनमें विटामिन डी की कमी हो जाती है. इससे थकान, जोड़ों में दर्द, पैरों में सूजन, मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसकी कमी को पूरी करने के लिए महिलाओं को अपने डायट में मछली, अनाज, मशरूम, डेयरी प्रॉडक्ट्स, अंडे और संतरे जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए. यह भी पढ़ें: सिरदर्द हो जाएगा पल भर में गायब, दवाइयों का नहीं इन घरेलू नुस्खों का करें इस्तेमाल
2- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण महिलाओं में हार्मोंस का संतुलन बिगड़ने लगता है. जिसके कारण महिलाओं की ओवरी में पानी से भरे हुए कई छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं, जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोंम कहते हैं. इससे बचने के लिए महिलाओं को अपने डायट में हाई फाइबर वाले आहार, बादाम, अखरोट, ओमेगा और फैटी एसिड से भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए.
3- एनीमिया की शिकायत
महिलाओं में होनेवाली सामान्य बीमारियों में से एक है एनीमिया. देश की लगभग 60 फीसदी महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं. दरअसल, महिलाएं अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती हैं, जिसके चलते उनके शरीर में खून की कमी होने लगती है और वो एनीमिया की शिकार हो जाती हैं. इसकी कमी को पूरी करने के लिए महिलाओं को अपने डायट में पालक, सोयाबीन. चुकंदर, टमाटर और अंडे जैसे आहार को शामिल करना चाहिए.
4- ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
ज्यादातर महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा अधिक होता है. स्तन कैंसर होने पर महिलाओं के स्तन के आकार में बदलाव आने लगता है. स्तन में गांठ, दर्द महसूस होना, खून निकलना, सूजन होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. साल 2012 में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में स्तन कैंसर के साढ़े दस लाख नए मरीज पाए गए थे, जिनमें से 3.73 लाख मरीजों की मौत हो गई थी. स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को समय-समय पर अपनी जांच करानी चाहिए. यह भी पढ़ें: ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचना है तो आज ही से अपनी इस आदत को कह दीजिए अलविदा
5- सर्वाइकल कैंसर का जोखिम
भारत में सर्वाइकल कैंसर के कुल मामलों में महिलाओं की संख्या अधिक पाई जाती है. कैंसर से संबंधित कुल मौतों में 11.1 फीसदी मामले सर्वाइकल कैंसर के ही होते हैं. हालात और भी खराब इसलिए होते जाते हैं, क्योंकि देश में महज 3.1 फीसदी महिलाएं ही इसके लिए जांच करा पाती हैं. अगर आप इस गंभीर बीमारी से बचना चाहती हैं तो जरूरी है कि नियमित तौर पर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर जांच कराती रहें.
गौरतलब है कि घर-परिवार की जिम्मेदारियों में व्यस्त होने की वजह से अधिकांश महिलाएं अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पाती हैं, जिससे उन्हें कई बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है. अगर महिलाएं समय रहते अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क नहीं हुईं तो ये गंभीर बीमारियां उन्हें अपना शिकार बना लेंगी, इसलिए समय-समय पर उन्हें अपना चेकअप कराना चाहिए.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.