
World Cancer Day 2025 आज दुनिया भर में कैंसर दिवस मनाया जा रहा है. इसका मुख्य मकसद कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना, प्रभावित लोगों की सहायता करना और इसके खतरनाक प्रभाव से राहत पाने के लिए हर संभव प्रयासों को बढ़ाना है. विश्व कैंसर दिवस विश्व भर में करोड़ों लोगों को एक ऐसी बीमारी के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में एकजुट करता है, जो वैश्विक स्तर पर मौत के प्रमुख कारणों में एक है.
विश्व कैंसर दिवस कैंसर से प्रभावित लोगों को सम्मानित करने, कैंसर के प्रति लोगों को सजग करने, अनुसंधान के लिए और धन संग्रह के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है. इस दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए आइये अपने मित्र-परिजनों को कुछ प्रभावशाली कोट्स भेजकर इस दिवस का हिस्सा बनें.
* ‘कैंसर कई दरवाजे खोलता है. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है आपका दिल.’
-ग्रेग एंडरसन
* ‘आपको अपनी योजना के अनुसार जीवन छोड़ने के लिए तैयार रहना होगा और इसके बजाय, उस जीवन को अपनाना होगा जो आपका इंतज़ार कर रहा है.’
-जोसेफ कैंपबेल
* ‘आशा सूर्य की तरह है; जैसे-जैसे हम उसकी ओर बढ़ते हैं, हमारा बोझ पृष्ठभूमि में चला जाता है.’
-सैमुअल स्माइल्स
* ‘दर्द को खुद को परिभाषित मत करने दो - उसे खुद को निखारने दो.’
–टिम फार्गो
* ‘कैंसर ने मुझे घुटनों पर नहीं ला दिया; इसने मुझे मेरे पैरों पर खड़ा कर दिया.’
-माइकल डगलस
* ‘सभी परिवर्तन दिखाई नहीं देते. महत्वपूर्ण यह है कि कैंसर को अपने ऊपर हावी न होने दें. अच्छे कपड़े पहनें, सामने आएं और जिएं.’
-सोनाली बेंद्रे
* ‘आप कैंसर का शिकार बनना या इससे उबरना चुन सकते हैं। यह सब मानसिकता पर निर्भर करता है.’
-डेव पेल्ज़र
* ‘कैंसर एक मैराथन की तरह है. आप फिनिश लाइन पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं, बल्कि इसे कदम दर कदम, सांस दर सांस लेते हैं.’
-सारा बेट्ज़ बुकेरो
* ‘कैंसर एक शब्द है, वाक्य नहीं.’
–जॉन डायमंड
* ‘आप कैंसर को इस तरह से हरा सकते हैं कि आप कैसे जीते हैं, क्यों जीते हैं और किस तरह से जीते हैं.’
-स्टुअर्ट स्कॉट
* ‘आशा वह शक्ति है जो हमें सबसे कठिन समय में भी आगे बढ़ने में मदद करती है.’
–अज्ञात
* ‘मानव आत्मा किसी भी चीज़ से अधिक शक्तिशाली है जो उसके साथ घटित हो सकती है.’
–सी.सी. स्कॉट
* ‘अपने आसपास केवल ऐसे लोगों को रखें जो आपको ऊंचा उठाने में सक्षम हों.’
–ओपरा विनफ्रे
* ‘कैंसर ने भले ही लड़ाई शुरू की हो, लेकिन मैं इसे खत्म करूंगा.’
-अज्ञात