Chewing Properly Can Help Diabetes Patient: Study में नई बात आई सामने, ठीक से चबाने की क्षमता वाले लोग डायबिटीज के असर को कर सकते हैं कम
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Chewing Properly Can Help Diabetes Patient: एक हालिया स्टडी में पता चला है कि ठीक से चबाने की क्षमता वाले लोग डायबिटीज के असर को कम कर सकते हैं. जी हां, अच्छे से भोजन को चबाने की क्षमता टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने में मददगार हो सकती है. बफेलो विश्वविद्यालय (University at Buffalo) के एक शोधकर्ता ने टाइप 2 मधुमेह (टी2डी) (Type 2 diabetes) के रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सा पेशेवरों को अपने रोगियों के दांतों की जांच करने की सलाह दी. 14 अप्रैल को पीएलओएस वन (PLOS ONE) में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष में बताया गया है कि ठीक से चबाने वाले वाले टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ब्लड ग्लूकोज लेवल कम चबाने वाले रोगियों की तुलना में काफी कम होता है. तुर्की के इस्तांबुल में स्थित अस्पताल में एक आउट पेशेंट क्लिनिक में देखे गए 94 टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के डेटा की पूर्वव्यापी विश्लेषण में जांच की गई थी.

मरीजों को दो समूहों में बांटा गया था, पहले समूह में ऐसे रोगी शामिल थे जिनके पास मजबूत "आच्छादन कार्य" था, पर्याप्त दांत जो सही ढंग से स्थित थे और वे भोजन को अच्छी तरह से चबाने में सक्षम थे. इस समूह में शामिल लोगों का ब्लड ग्लूकोज लेवल 7.48 था, जबकि दूसरे समूह  के लोगों का ब्लड ग्लूकोड का स्तर 9.42 था, जो अच्छी तरह से चबाकर खाने वाले समूह से 2 प्रतिशत से भी अधिक था. यह भी पढ़ें: Diabetes New Research Not To Miss: Type 1 डायबिटीज पर आसानी से पाया जा सकता है काबू, रिसर्च में दी गई इस बात पर करें अमल

दरअसल, पाचन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपका शरीर भोजन से पोषक तत्व निकालता है, चबाना लार के उत्पादन को उत्तेजित करता है. ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में फाइबर शामिल है, जो खाद्य पदार्थों को उचित तरीके से चबाने पर प्राप्त होता है. चबाने से आंतों में प्रतिक्रियाओं को उत्तेजित करने की भी सूचना मिली है, जिससे इंसुलिन स्राव में वृद्धि हुई है और हाइपोथैलेमस जो तृप्ति की भावना को बढ़ावा देता है, जिसके परिणामस्वरूप कम भोजन का सेवन होता है. कम खाने से अधिक वजन होने की संभावना कम हो जाती है, जो कि T2D के विकास के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है. यह भी पढ़ें: Hypertension: मोबाइल फोन पर 30 मिनट से ज्यादा बात करने वाले हो जाएं सावधान, बढ़ सकता है हाइपरटेंशन का जोखिम

यह शोध नोट करता है कि साल 2019 तक, दुनिया भर में लगभग आधे बिलियन लोगों को डायबिटीज था और डायबिटीज के कम से कम 90% रोगियों में टाइप 2 डायबिटीज के मरीज शामिल हैं. इसके अलावा यह भी पता चला कि ब्लड ग्लूकोज के स्तर में सिर्फ 1 फीसदी की बढ़ोत्तरी हृदय या इस्केमिक हृदय रोग मृत्यु दर में 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी से जुड़ी है. अन्य जटिलताओं में किडनी की बीमारी, आंखों की क्षति, न्यूरोपैथी और साधारण घावों धीमी रिकवरी शामिल हो सकती है.