हार्निया: शरीर का कोई अंग जब अपने स्थान से बाहर आ जाता है, तो उस स्थिति को हर्निया (Hernia) कहते हैं. अधिकांशतया बढ़ती उम्र में होने वाली यह शिकायत पेट, कमर, जांघ इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती हैं. सतही तौर पर यह बहुत घातक नहीं लगता, लेकिन समय रहते इसका इलाज नहीं करा लिया जाये तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. क्योंकि अगर शरीर में कोई बीमारी ज्यादा दिनों तक बनी रह जाये तो यह शरीर के अन्य स्वस्थ अंगों को भी अस्वस्थ कर सकती है. बच्चों में यह ज्यादातर इसके पश्चात इसका इलाज केवल ऑपरेशन ही रह जाता है. डॉक्टर रितेश जैन यहां बता रहे हैं कि हर्निया यूं तो बहुत गंभीर बीमारी नहीं है, बशर्ते समय रहते इसका इलाज करवा लिया जाये. यहां मैं यही सलाह देना चाहूंगा कि अगर कुछ बातों पर शुरु से ध्यान रखा जाये तो हर्निया से बचा जा सकता है. सबसे पहले जानें कि आमतौर पर हर्निया की तीन किस्में होती हैं,
जो क्रमशः ये हैं.
1- इनगुइनल हर्नियाः यह हर्निया का सबसे सामान्य प्रकार का है, ये अधिकांशतय जांघों के जोड़ में होता है.
2- फेमोरल हर्नियाः यह पेट के अंगों का जांघ से पैरों की ओर जानेवाली धमनियों से बाहर की ओर निकलने की स्थिति में होता है.
3- अम्बिलिकल हर्निया- इसे नाभि हर्निया भी कहते हैं. स्वाभाविक है इसका संबंध नाभि से होता है, जो पेट की सबसे कमजोर मांसपेशियों की नाभि से बाहर की ओर निकलता है.
जानें हार्निया से बचने के लिए क्या करें क्या न करें
* जल अथवा पेय पदार्थों का ज्यादा सेवन करें
ज्यादा लिक्विड लेंगे तो सेहत ही नहीं सौंदर्य भी बचा कर रख सकते या सकती हैं. हर घंटे पर एक-एक गिलास पानी पी लिया करें. पानी में सिरके की कुछ बूंदें भी मिलाकर पीयें तो लाभ होगा.
* व्यायाम करेंः
नियमित व्यायाम करेंगे तो मांसपेशियां सक्रिय बनेंगी.
* शराब और सिगरेट से रहें दूर
सिगरेट और शराब तमाम बीमारियां को आमंत्रित करती हैं, इससे दूर रहेंगे तो कई बीमारियों से खुद-ब-खुद बच सकते हैं. हर्निया से भी सुरक्षित रहेंगे.
* मोटापा को करें टा टा
ऐसी कोई भी चीज न खायें, जिससे शरीर में अनावश्यक चर्बी बढ़े. क्योंकि चर्बी से मोटापा होता है और मोटापा भी कई बीमारियों को जन्म देती है. अगर अपना वजन नियमित रूप से जांचते रहें तो मोटापा से बच सकते हैं. हार्निया का बहुत बड़ा स्त्रोत मोटापा होता है. इसलिए अगर मोटापा नहीं रहा तो हार्निया भी नहीं रहेगा.
* भारी चीजें न उठायें.
शरीर की क्षमता से ज्यादा वजनी चीज उठाने से बचें, जो कार्य नहीं कर सकते, उसकी जिम्मेदारी लेने से बचें, क्योंकि इससे मांसपेशियों पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ता है, जो हर्निया को जन्म दे सकता है.
* पाचन तंत्र सुचारु रखेंः
हर्निया से दूरी बनाकर रखनी है तो पेट को साफ रखें, खानपान को नियमित बनाएं और संतुलित भोजन करें, तेल, मसाला, गरीष्ठ भोजन एवं फास्ट फूड से दूर रहें. ध्यान रहे आप कब्ज़ जैसी समस्या से दूर रहेंगे, तो पेट साफ रहेगा और मांसपेशियां सामान्य रूप से सक्रिय रहेंगी. इस परीक्षा में पास हो गये तो हर्निया आप तक फटकेगा भी नहीं.