आयुष मंत्रालय ( AYUSH Ministry of India) ने कोरोनावायरस को लेकर 29 जनवरी, 2020 को परामर्श जारी किया था. आयुष मंत्रालय ने ट्वीट कर लिंक शेयर करते हुए कहा था कि सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) ने अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और उपायों पर चर्चा की. विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 (Homoeopathy Medicine Arsenicum Album30) को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई (ILI) की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है. इसमें आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट में तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है.
आयुष मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा था कि खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके. इसके अलावा विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता द्वारा पालन किया जाना चाहिए. ज्ञात हो कि कोरोना वायरस को लेकर अब तक वुहान समेत पूरे चीन में अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और दुनियाभर में 20,627 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. वहीं भारत के केरल राज्य में तीन लोग इस बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं.
Advisory for #CoronaVirus
Homoeopathy for Prevention of Corona virus Infections
Unani Medicines useful in the symptomatic management of Corona Virus infection
Details here: https://t.co/OXC7PtM7L3
— PIB India (@PIB_India) January 29, 2020
कोरोनावायरस की दवाइयों को लेकर World Health Organisation ने कही है ये बात:-
कोरोनावायरस की दवाइयों को लेकर डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation) ने स्पष्ट करते हुए कहा कि आज की तारीख में इस तरह की अभी तक इस बीमारी से रोकथाम के लिए एंटीवायरल थैरेपी नहीं बनी है. करोनावायरस से बचने के लिए सही दवाइयों के रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम लगातार काम कर रही है. वहीं आयुष आयुष मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कि यह स्पष्टीकरण कोरोना जैसी उभरती हुई वायरल बीमारियों के संबंध में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी सामान्य सुरक्षात्मक और रोग निरोधी उपायों के संदर्भ में है. 29 जनवरी, 2020 को दो परामर्श (एडवायजरी) जारी किए गए थे, ये परामर्श कोरोना वायरस के प्रभावी इलाज का न तो दावा करते हैं और न ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किसी विशिष्ट दवा का सुझाव देते हैं.
इस संबंध में यह तथ्य संज्ञान में आया है कि मीडिया तथा चिकित्सा संगठनों में कुछ ऐसी रिपोर्टें आई हैं जो स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणालियों की छवि को धूमिल करती है और इन चिकित्सा प्रणालियों के प्रति लोगों में अविश्वास फैलाती हैं. अभी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. ऐसी स्थिति में कही से भी कोई सहायता मिलती हैं तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए. आयुष परामर्श के प्रयास को सही दृष्टिकोण में देखा जाना चाहिए.
गौरतलब हो कि खबरों की सत्यता परखने वाली वेबसाइट AltNews और BoomLive ने पहले ही स्पष्ट किया है कि होम्योपैथी के डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि है कि कोरोनावायरस के इलाज के कोई भी दवाइयां उपलब्ध नहीं है. इसी के साथ खबरों की सत्यता परखने वाली वेबसाईट ने इसे असत्य करार दिया है. वहीं हमने भी कोरोनावायरस दवाइयों के विषय में जुटाई गई जानकारी में पाया की अभी तक इस तरह की कोई मेडिसिन उपलब्ध नहीं है, जिससे यह खबर असत्य साबित होती है. जिससे साबित होता है कि होम्योपैथी और पारंपरिक तरीके से होने वाले इलाज में अब तक कोरोनावायरस की दवाई नहीं है.