Guru Nanak Jayanti 2022 Wishes: गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2022), जिसे गुरुपर्व (Gurpurab) के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है. यह पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक के महीने में पंद्रहवां चंद्र दिवस है, और आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर द्वारा नवंबर के महीने में आता है. इस वर्ष गुरु नानक की 553वीं जयंती होगी और यह 8 नवंबर को मनाया जाएगा.
गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को लाहौर के पास राय भोई की तलवंडी में हुआ था, जो आधुनिक पाकिस्तान के सेखपुरा जिले में है. शहर में उनके जन्मस्थान पर एक गुरुद्वारा बनाया गया था, जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है. गुरु नानक को एक आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में माना जाता है जिन्होंने 15 वीं शताब्दी में सिख धर्म की स्थापना की थी. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब लिखना शुरू किया और 974 भजन पूरे किए. गुरु ग्रंथ साहिब के मुख्य छंदों में विस्तार से बताया गया है कि ब्रह्मांड का निर्माता एक था. उनके छंद भी भेदभाव के बावजूद मानवता, समृद्धि और सभी के लिए सामाजिक न्याय के लिए निस्वार्थ सेवा का उपदेश देते हैं. एक आध्यात्मिक और सामाजिक गुरु के रूप में गुरु की भूमिका सिख धर्म का आधार बनाती है.
1- खालसा मेरा रूप है खास,
खालसे में ही करूं निवास,
खालसा अकाल पुरख की फौज,
खालसा मेरा मित्र कहाए.
गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
2- नानक नाम जहाज है,
जो जपे वो उतरे पार,
मेरा सद्गुरु करता मुझको प्यार,
वही तो है मेरा खेवनहार.
गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
3- इस जग की माया ने मुझको है घेरा,
ऐसी कृपा करो गुरु नाम न भूलूं तेरा,
चारों ओर मेरे दुखों का छाया है अंधेरा,
मेरा इक पल भी ना जाएं बिना लिए नाम तेरा.
गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
4- नानक-नानक मैं हरदम करूं,
मेरे गुरु को ढूंढती मैं फिरूं,
मुझको दे दो ऐसा आशीर्वाद,
आंखें जब खोलूं दर्शन तेरे करूं.
गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
5- सर पर मेरे है गुरुवर का हाथ,
है हरपल, हरदम वो मेरे साथ,
है विश्वास वही राह दिखाएंगे,
मेरे सारे बिगड़े काम बन जाएंगे.
गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
गुरु नानक जयंती के दिन से दो दिन पहले गुरुद्वारों में उत्सव शुरू हो जाते हैं. अखंड पाठ कहे जाने वाले गुरु ग्रंथ साहिब का 48 घंटे का नॉन-स्टॉप पाठ आयोजित किया जाता है. गुरु नानक के जन्मदिन से एक दिन पहले, नगरकीर्तन नामक एक जुलूस का आयोजन किया जाता है. जुलूस का नेतृत्व पांच लोगों द्वारा किया जाता है, जिन्हें पंज प्यारे के रूप में जाना जाता है, जो सिख त्रिकोणीय ध्वज, निशान साहिब को पकड़े हुए रहते हैं.
जुलूस के दौरान पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में बिठाया जाता है. लोग समूहों में भजन गाते हैं और पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र बजाते हैं और अपने मार्शल आर्ट कौशल का प्रदर्शन भी करते हैं. झंडों और फूलों से सजी सड़कों से हर्षोल्लास का जुलूस गुजरता है.