Gudi Padwa 2022: नव संवत्सर, नवरात्रि एवं गुड़ी पड़वा का महात्म्य! अक्षय-पुण्य के लिए क्या करें क्या ना करें!
गुड़ी पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है. इस दिन दक्षिण भारत के अधिकांश प्रदेशों में जहां गुड़ी पड़वा का पर्व विभिन्न नामों एवं परंपराओं के साथ मनाया जाता है, वहीं इसी दिन चैत्रीय नवरात्रि की भी शुरुआत होती है. इस वर्ष यह पर्व 2 अप्रैल, शनिवार 2022 को पड़ रहा है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन स्नान से पूर्व तेल और बेसन का उबटन लगाने के बाद स्नान करने से अच्छी सेहत और दीर्घायु प्राप्त होती है. ऐसे ही कुछ कार्य करने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है. लेकिन इस दिन कुछ कार्य प्रतिबंधित भी होते हैं, जिन्हें करने से अर्जित पुण्य भी व्यर्थ हो जाते हैं. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि क्या करना है और क्या नहीं करना है.

ये कार्य करें!

* गुड़ी पड़वा के दिन स्नान-ध्यान के पश्चात मां दुर्गा का ध्यान कर गाय के घी का दीप एवं चंदन का धूप प्रज्जवलित कर निम्न मंत्र का 1001 बार जाप करते हुए अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें.

ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:

* चैत्रीय नवरात्रि के पहले दिन दुर्गा सप्तसती का पहला और और अंतिम अध्याय जरूर पढ़ें. ऐसा करने से घर-परिवार में शांति बनी रहती है.

* गुड़ी पड़वा सजाने वालों को इस दिन स्नान के पश्चात नये ये धुल कपड़े पहनकर मुख्य द्वार अथवा बालकोनी में ध्वज, पताका अवश्य लगाना चाहिए.

* इस दिन नीम के मुलायम पत्तों एवं फूलों को पीसकर इसमें काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री एवं अजवायन मिलाकर खाने से सेहत अच्छी रहती है. यह भी पढ़ें : Chaitra Navratri 2022 Wishes: चैत्र नवरात्रि की इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes, GIF Images के जरिए दें शुभकामनाएं

* इस दिन व्रतियों को नदी, तालाब या घर में स्नान करके संवत्सर की मूर्ति बनाएं और इस मंत्र का जाप करें. चैत्राय नमः, वसंताय नमः

ये कार्य करने से बचें

* हिंदू धर्म के अनुसार गुड़ी पड़वा धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत पवित्र दिन होता है. इस दिन किसी भी प्रकार की बुरी आदतों से दूर रहें.

* खानपान में प्याज, लहसुन, मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए.

* गुड़ी पड़वा के दिन नाखून, दाढ़ी एवं बालों की कटिंग नहीं करवाना चाहिए.

* इस दिन बिना धुले हुए कपड़े नहीं पहनना चाहिए.

* इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से परहेज रखना चाहिए.

* हिंदू पंचांग के अनुसार यह साल का पहला दिन होता है, इसलिए इस दिन किसी साधु, गरीब, अथवा वृद्ध लोगों का अपमान अथवा तिरस्कार नहीं करना चाहिए.

* पूजा करते हुए अशुद्ध मंत्रों का जाप करने से बचें. अगर मंत्रों का उच्चारण करने में असमर्थ हैं तो मंत्रों का जाप ना करें. पूजा के पश्चात गल्तियों के लिए छमा अवश्य मांग लें.

* इस दिन दूरदराज की यात्रा करने से भी परहेज रखने की कोशिश करनी चाहिए.

* दिन के समय सोने के बजाय भगवान का भजन अथवा कीर्तन करना चाहिए