Vaikuntha Chaturdashi 2024 Wishes: शुभ बैकुंठ चतुर्दशी! इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें बधाई
बैकुंठ चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

Vaikuntha Chaturdashi 2024 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म में कार्तिक मास (Kartik Month) का विशेष महत्व है, क्योंकि इस महीने कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं. दिवाली (Diwali), छठ पूजा (Chhath Puja) और देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के बाद हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी या बैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi) का पर्व मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, इस साल 14 नवंबर 2024 को बैकुंठ चतुर्दशी मनाई जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली से ठीक एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व में हरि-हर यानी भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) एवं भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पूजा एक साथ होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए स्नान, दान और जप से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है. इसके साथ ही मृत्यु के बाद श्रीहरि के वैकुंठ धाम में स्थान मिलता है.

बैकुंठ चतुर्दशी को हरि-हर मिलन के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की संयुक्त रूप से पूजा की जाती है. इसी दिन योगनिद्रा से बाहर आने के बाद भगवान विष्णु को भगवान शिव सृष्टि के संचालन का कार्य फिर से सौंपते हैं. इस अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर शुभ बैकुंठ चतुर्दशी कह सकते हैं.

1- ​बैकुंठ चतुर्दशी की शुभकामनाएं

बैकुंठ चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

2- बैकुंठ चतुर्दशी की हार्दिक बधाई

बैकुंठ चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ बैकुंठ चतुर्दशी

बैकुंठ चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी बैकुंठ चतुर्दशी

बैकुंठ चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

5- बैकुंठ चतुर्दशी 2024

बैकुंठ चतुर्दशी 2024 (Photo Credits: File Image)

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुदर्शी को हेमलंब वर्ष में अरुणोदय काल में, ब्रह्म मुहूर्त में भगवान विष्णु ने वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर स्नान किया था, फिर उन्होंने विश्वेश्वर महादेव की पूजा की थी. भगवान शिव ने श्रीहरि के तप और पूजन से प्रसन्न होकर इस दिन पहले विष्णु और फिर उनकी पूजा करने वाले भक्तों को वैकुंठ में स्थान पाने का आशीर्वाद दिया. इसके साथ ही कहा जाता है कि इस दिन योगनिद्रा से बाहर आए भगवान विष्णु को भगवान शिव से संसार के संचालन का कार्य दोबारा मिलता है. इस दिन व्रत रखकर हरि-हर की पूजा करने से भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं.