Tulsi Pujan Diwas 2018: हिंदू धर्म में 25 दिसंबर को की जाती है तुलसी की पूजा, जानें किसने की थी इस परंपरा की शुरुआत
तुलसी पूजन दिवस 2018 (Photo credits: Wikimedia commons)

Tulsi Pujan Diwas 2018: हर साल 25 दिसंबर (December 25th) को जहां दुनिया भर के लोग क्रिसमस (Christmas) का पर्व धूमधाम से मनाते हैं तो वहीं भारत के अधिकांश जगहों पर हिंदू धर्म के लोग तुलसी की पूजा करते हैं, जिसे 'तुलसी पूजन दिवस' (Tulsi Pujan Diwas) के तौर पर जाना जाता है. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत महत्व बताया जाता है. तुलसी भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को अतिप्रिय है और इसके बिना उनकी पूजा भी अधूरी मानी जाती है. तुलसी इंसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इसके अलावा तुलसी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसे अमृत कहा गया है.

वैसे तो हर साल कार्तिक महीने में तुलसी के पूजन का विशेष महत्व बताया जाता है और इस माह में ही शालिग्राम और तुलसी का विवाह भी संपन्न कराया जाता है. पूजन के अलावा तुलसी का उपयोग आयुर्वेद में उपचार के लिए भी किया जाता है, लेकिन 25 दिसंबर यानी क्रिसमस (Christmas) को तुलसी पूजन दिवस के तौर पर मनाने की इस परंपरा की शुरुआत किसने की, चलिए जानते हैं.

धर्मगुरू आसाराम ने शुरु की थी यह परंपरा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसाराम की संस्था की वेबसाइट ashram.org पर यह जानकारी दी गई है कि 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2014 में धर्मगुरु आसाराम बापू ने की थी. इस वेबसाइट के अनुसार, 25 दिसंबर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन, आत्महत्या, युवाधन की तबाही और कई अवांछनीय कार्य होते हैं.

ऐसे में लोगों की मंगल कामना करते हुए आसाराम बापू ने आह्वान किया था कि 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक तुलसी पूजन, जप-माला पूजन, गौ-पूजन, हवन और सत्संग जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. बता दें कि फिलहाल आसाराम बापू बलात्कार के आरोप में जेल में बंद हैं. यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah 2018: जानें तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त और शादी की विधि, होगी हर मनोकामना पूर्ण

तुलसी पूजा की विधि

  • सुबह उठकर अपने नैतिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए.
  • स्नान के बाद तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए, फिर कुमकुम लगाना चाहिए.
  • तुलसी माता को कुछ मिष्ठान्न अर्पित करके उनकी आरती करनी चाहिए.
  • पूजन के समय 'महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते.' मंत्र का जप अवश्य करें.
  • पूजन के बाद अपनी सुविधा के अनुसार, 7,11, या 21 बार तुलसी की परिक्रमा करें.
  • परिक्रमा करने के बाद प्रसाद में तुलसी के पत्ते डालकर लोगों में वितरित करें.

गौरतलब है कि 25 दिसंबर के दिन आप सुबह की नहीं, बल्कि शाम के वक्त भी तुलसी पूजा कर सकते हैं. सबसे खास बात तो यह है कि आज यानी क्रिसमस के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है और इस दिन घर में तुलसी लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है.