Surya Grahan 2022: आज यानी 24 अक्टूबर को दीयों की रोशनी के पर्व दिवाली (Diwali) की धूम मची हुई है. दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Puja) के अगले दिन 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लगने जा रहा है. ऐसे में कई सालों बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का त्योहार न मनाकर उसके अगले दिन मनाया जाएगा. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, पिछले 1300 सालों बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहारों के बीच पड़ रहा है. इस दौरान बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशियों में मौजूद रहेंगे. साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा और ग्रहण से जुड़ी सभी धार्मिक मान्यताओं का पालन किया जाएगा. आइए जानते हैं सूतक कब लग रहा है और ग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में…
ग्रहण का सूतक काल
वैसे तो सूर्य ग्रहण लगने से पहले इसका सूतक काल 12 घंटे पूर्व शुरु हो जाता है. साल के अंतिम सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 तारीख की सुबह 4 बजे से शुरु हो जाएगा और ग्रहण खत्म होने के साथ-साथ सूतक काल की अवधि भी समाप्त हो जाएगी.
भारत में सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण की तिथि- 25 अक्टूबर 2022 (मंगलवार).
ग्रहण का समय- शाम 4.22 बजे से शाम 5.42 बजे तक.
कुल अवधि- 1 घंटे 19 मिनट
देश में कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, लेह-लद्दाख और श्रीनगर में दिखाई देगा.
यहां कुछ समय के लिए दिखेगा नजारा
इसके अलावा दक्षिण भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मुंबई, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड में कुछ समय के लिए लोग इस खगोलीय घटना को देख सकेंगे.
यहां नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
वहीं देश के कुछ ऐसे हिस्से भी हैं, जहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. दरअसल, देश के पूर्वी भागों में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड में यह खगोलीय घटना दिखाई नहीं देगी.
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ही लगता है. इस बार कार्तिक अमावस्या के दिन आंशिक सूर्य ग्रहण लग रहा है. वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो चंद्रमा जब परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और ये तीनों ग्रह सीधी लाइन में होते हैं, तब चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. ऐसे में पृथ्वी पर जहां-जहां चंद्रमा की छाया पड़ती है, वहां-वहां सूर्य दिखाई नहीं देते हैं. इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.