Shri Guru Amar Das Ji Parkash Utsav 2020 Wishes: गुरु अमरदास जी प्रकाश उत्सव पर इन शानदार WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें अपनों को बधाई
अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020 (Photo Credits: File Image)

Shri Guru Amar Das Ji Parkash Utsav 2020: गुरु अमरदास जी (Amar Das Ji) सिख धर्म के दस गुरुओं में से तीसरे गुरु माने जाते हैं. 26 मार्च 1552 को 73 वर्ष की आयु में वे सिखों के तीसरे गुरु बने थे. सिख बनने से पहले अमरदास जी हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा का पालन करते थे. दरअसल, सिख धर्म को अपनाने से पहले उन्होंने अपने भतीजे की पत्नी बीबी अमरो (Bibi Amro) से गुरु नानक देव जी द्वारा रचित एक 'शबद' सुना. उसे सुनकर वे इतने प्रभावित हुए कि पुत्रवधू बीबी अमरो से गुरु अंगद देव जी का पता पूछकर तुरंत उनके गुरु चरणों में पहुंच गए. बीबी अमरो गुरु अंगद (Guru Angad) की बेटी थीं, जो सिखों की दूसरे गुरु थे. साल 1552 में गुरु अंगद जी की मृत्यु से पहले उन्होंने अमरदास जी को सिखों के तीसरे गुरु के रुप में चुना.

सिखों के तीसरे गुरु, गुरु अमरदास जी के प्रकाश उत्सव के इस खास अवसर पर अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और प्रियजनों को इन शानदार वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेज और वॉलपेपर्स के जरिए शुभकामनाएं जरूर दें. इसके साथ ही उनके समाज हित में किए गए कार्यों को याद करके उनका अनुसरण करने की कोशिश करें.

1- गुरु अमरदास जी प्रकाश उत्सव की बधाई

अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020 (Photo Credits: File Image)

2- गुरु अमरदास जी प्रकाश पुरब की लख-लख बधाइयां

अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020 (Photo Credits: File Image)

3- गुरु अमरदास जी प्रकाश उत्सव की बधाई

अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020 (Photo Credits: File Image)

4- गुरु अमरदास जी प्रकाश पुरब की लख-लख बधाइयां

अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020 (Photo Credits: File Image)

5- गुरु अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020

अमरदास जी प्रकाश उत्सव 2020 (Photo Credits: File Image)

गुरु अमरदास जी का जन्म संवत 1536 यानी 23 मई 1479 को अमृतसर के 'बासर के' गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम श्री तेजभान और माता का नाम लखमी जी थी. वे दिन भर खेती और व्यापार में व्यस्त रहते थे, बावजूद इसके हमेशा श्रीहरि का नाम सिमरन करते थे. करीब 61 साल की उम्र में जब अमरदास जी अपने से 25 साल छोटे और रिश्ते में समधी लगने वाले गुरु अंगद देव जी से मिले तो उन्हें अपना गुरु बना लिया. करीब 11 साल तक उन्होंने श्रद्धाभाव से उनकी सेवा की. गुरु अमरदास जी की सेवा और उनके समर्पण भाव से प्रसन्न होकर गुरु अंगद देव जी ने उन्हें सिखों के तीसरे गुरु के रूप में चुना.