Sawan Pradosh 2021 Wishes in Hindi: भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना का पावन महीना सावन चल रहा है और तमाम शिवभक्त अपने आराध्य की भक्ति में लगे हुए हैं. सावन मास के सोमवार का जितना महत्व है, उतना ही महत्व सावन मास (Sawan Maas) के प्रदोष का भी है और सावन महीने का पहला प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh) 5 अगस्त 2021 को रखा जाएगा. गुरुवार का दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. दरअसल, हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, लेकिन सावन मास के प्रदोष का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त प्रदोष का व्रत (Pradosh Vrat) पूरे भक्तिभाव के साथ करते हैं, उनका चंद्रमा मजबूत होता है. इसके साथ ही मां गौरी और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
सावन प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही लोग सावन प्रदोष की एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. आप भी इस खास अवसर पर अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और तमाम शिवभक्तों को इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर सावन प्रदोष की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हैसियत मेरी छोटी है,
पर मन मेरा शिवाला है,
कर्म तो मैं करता जाऊंगा,
क्योंकि साथ मेरे डमरूवाला है.
ॐ नमः शिवाय!
सावन प्रदोष की शुभकामनाएं
2- मन छोड़ व्यर्थ की चिंता,
तू शिव का नाम लिए जा,
शिव अपना काम करेंगे,
तू अपना काम किए जा...
सावन प्रदोष की शुभकामनाएं
3- भक्ति में है शक्ति बंधू,
शक्ति में संसार है,
त्रिलोक में है जिसकी चर्चा,
उन शिव जी का आज त्योहार है.
सावन प्रदोष की शुभकामनाएं
4- शिव की शक्ति, भोले की भक्ति,
खुशियों की बहार मिले,
महादेव की कृपा से आपको,
जिंदगी के हर कदम पर सफलता मिले.
सावन प्रदोष की शुभकामनाएं
5- शिव की महिमा है अपरंपार,
शिव करते हैं सबका उद्धार,
उनकी कृपा हम सब पर सदा बनी रहे,
भोलेनाथ हमारे जीवन में खुशियां भर दें.
सावन प्रदोष की शुभकामनाएं
सावन प्रदोष के दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा का संकल्प लेना चाहिए. फिर घर के मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग का दूध, जल, गंगाजल, बेलपत्र इत्यादि से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप नैवेद्य अर्पित करें, फिर प्रदोष काल में पूजन के दौरान प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें या सुनें और आखिर में उनकी आरती उतारें. इस दिन व्रत रखकर फलाहार का पालन करें और भगवान शिव के मंत्रों का जप करें.