हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व वर्णित है. साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं, लेकिन अधिकमास पर कुल 26 एकादशियां पड़ती हैं, क्योंकि अधिक मास में भी दो एकादशियाँ होती हैं, पहली परमा एकादशी और दूसरी पद्मिनी एकादशी कहलाती है. अधिक मास में एक अतिरिक्त चंद्र मास पड़ता है, जो हर तीन साल में एक बार आता है. अधिक मास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है, उसे परमा एकादशी कहते हैं. मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अनुष्ठान करने से जीवन के सारे उद्देश्य पूरे हो जाते हैं, और जातक संसार के सारे सुख भोग कर मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस वर्ष परमा एकादशी 12 अगस्त 2023, शनिवार को मनाई जाएगी.
परमा एकादशी व्रत का महात्म्य
तीन साल में एक बार पड़ने के कारण परमा एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. परमा एकादशी को हरीवल्लभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार परमा एकादशी व्रत करने से जातक के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन पितरों का श्राद्ध तथा तर्पण करने से पितर बहुत प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान के साथ पूजा करने से जातक के सारे कष्ट एवं पाप मिट जाते हैं, तथा जीवन के सारे सुख भोग कर मोक्ष को प्राप्त होता है. Padmini Ekadashi 2023 Messages: पुरुषोत्तम मास की कमला एकादशी की इन हिंदी Quotes, WhatsApp Wishes, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
परमा एकादशी व्रत की विधि
श्रावण अधिमास कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. इसके पश्चात भगवान के मंदिर में भगवान विष्णु को पंचामृत एवं गंगाजल से स्नान करवाकर धूप दीप प्रज्वलित करें. एवं निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें.
‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:'
भगवान को पीतांबर ओढ़ा कर, रोली एवं अक्षत से तिलक लगाएं. अब पीला कनेर का फूल, इत्र, तुलसी-दल एवं प्रसाद में दूध से बनी मिठाई एवं मौसम फल अर्पित करें. इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें एवं परमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें. विष्णु जी की आरती के साथ पूजा सम्पन्न करें. अगले दिन व्रत का पारण करें.
परमा एकादशी व्रत 2023 तिथि
अधिक मास कृष्ण एकादशी प्रारंभः 05.06 AM (11 अगस्त 2023, शुक्रवार)
अधिक मास कृष्ण एकादशी समाप्तः 06.31 AM (12 अगस्त 2023, शनिवार)
उदया तिथि के अनुसार 12 अगस्त 2023 शनिवार को परमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा
परमा एकादशी व्रत का पारणः 05.49 AM से 08.19 AM तक (13 अगस्त 2023, रविवार)
परमा एकादशी व्रत पौराणिक कथा
काम्पिल्य नगर में सुमेधा नामक धर्मात्मा ब्राह्मण अपनी पतिव्रता पत्नी के साथ रहता था. लेकिन धनाभाव के कारण वह हमेशा परेशान रहता था, उसने अपनी पत्नी से परदेश जाकर धन अर्जित करने की सलाह ली तो पत्नी ने कहा, मनुष्य के भाग्य में जितना होता है, उतना ही मिलता है. आप यहीं रहकर कर्म कीजिए. एक दिन कौण्डिल्य ऋषि ब्राह्मण के घर पधारे. ब्राह्मण ने उनकी खूब आवभगत की. ऋषि को प्रसन्न देखकर ब्राह्मण ने उनसे अपनी गरीबी दूर करने का उपाय पूछा, ऋषि ने उन्हें अधिमास की पुरुषोत्तम एकादशी का व्रत एवं पूजा करने की सलाह दी कि पुरुषोत्तम एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इस पूजा से भगवान श्रीहरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे आर्थिक संकट दूर होता है. ब्राह्मण ने ऋषि के बताए अनुसार श्रीहरि की पूजा-व्रत किया, परिणाम स्वरूप उनके सारे कष्ट दूर हो गये.