National Ayurveda Day 2023 Messages in Hindi: हर साल धनतेरस (Dhanteras) के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day) मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और दैनिक जीवन शैली को बेहतर बनाने में आयुर्वेद के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना और इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करना है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि (Bhagwan Dhanvantari) का प्राकट्य हुआ था. हाथ में अमृत कलश धारण करने वाले भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक और देवताओं का वैद्य माना जाता है, इसलिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने साल 2016 में धन्वंतरि जयंती (Dhanvantari Jayanti) पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने का फैसला किया, तब से यह सिलसिला बरकरार है. इस साल 10 नवंबर 2023 यानी आज राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है.
आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जिसकी उत्पत्ति पांच हजार वर्ष पहले भारत में हुई थी. आयुर्वेदिक दवाएं व्यक्ति विशेष को रोगों एवं शारीरिक पीड़ा से मुक्त रखने में मदद करती हैं. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर आप इन हिंदी मैसेजेस, स्लोगन, वॉट्सऐप विशेज और फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए इसकी हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- महंगी चिकित्सा का कोई समाधान होना चाहिए,
आयुर्वेद पर रिसर्च का ढेर सारा काम होना चाहिए.
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की बधाई
2- हर बीमारी का सस्ता इलाज होगा,
एक दिन आयुर्वेद का भी राज होगा.
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की बधाई
3- अंग्रेजी दवाओं में एक्सपायरी का बवाल,
आयुर्वेदिक औषधि चलती है सालों साल.
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की बधाई
4- आयुर्वेद से उपचार करोगे तो लाभ ही मिलेगा,
आयुर्वेद की गहराई में जाओगे तो ज्ञान ही मिलेगा.
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की बधाई
5- शरीर को बीमार होने से बचाएगा,
जो व्यक्ति आयुर्वेद को अपनाएगा.
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की बधाई
आयुर्वेद विज्ञान इस विश्वास पर आधारित है कि मानव शरीर ब्रह्मांड का एक सूक्ष्म अंश है और स्वास्थ्य की तब प्राप्ति होती है, जब मानव शरीर प्रकृति के साथ संतुलन की अवस्था में होता है. आयुर्वेद का स्वास्थ्य के प्रति एक दृष्टिकोण है, जो शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक पहलुओं को ध्यान में रखता है. यह वात, पित्त और कफ जैसे तीन दोषों और तीन सिद्धांतों पर आधारित है. आयुर्वेद को भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं का अभिन्न अंग माना जाता है और उपचार की इस प्रणाली को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त है.