Narali Purnima Wishes 2024: नारली पूर्णिमा पर ये HD Images, GIF Greetings और Wallpapers भेजकर दें बधाई
Narali Purnima 2024 (Photo Credits: File Image)

Narali Purnima Wishes 2024: नारली पूर्णिमा (Narali Purnima 2024) रक्षाबंधन के दिन ही मनाई जाती है और इस प्रकार यह महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के कई परिवारों के लिए दोहरा उत्सव होता है. नारली पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्रों में मछुआरा समुदाय द्वारा मनाया जाता है. इस दिन, लोग एक दिन का उपवास रखते हैं, अपनी नावों को सजाते हैं, और भगवान वरुण से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें सौभाग्य प्रदान करें और उन्हें किसी भी प्राकृतिक समुद्री आपदा से बचाएं. यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2024 Mehndi Designs: रक्षा बंधन पर अपने हाथों में रचाएं ये सुंदर मेहंदी डिजाइन, राखी का त्योहार स्पेशल बनाने के लिए देखें ये वीडियो

नारली का मतलब नारियल और पूर्णिमा का मतलब पूर्ण चंद्रमा होता है, और यह दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के महीने में पूर्णिमा के दिन पड़ता है. यह दिन रक्षा बंधन के साथ मेल खाता है, यह त्यौहार भाई-बहनों के बीच बंधन का जश्न मनाता है और इस प्रकार यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और अन्य राज्यों के कई परिवारों के लिए दोहरा उत्सव है. इस साल, रक्षा बंधन की तरह, दिन का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को शुरू होगा. दक्षिण भारतीय राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में नाराली पूर्णिमा को अवनि अवित्तम के नाम से जाना जाता है. उत्तर भारत के राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ इसे कजरी पूर्णिमा कहते हैं.

इस दिन लोग एक अपने प्रियजनों और रिश्तेदारों को नारली पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हैं. आप भी नीचे दिए गए Wishes, Messages, Quotes, Shayari, Images, Photos के जरिये भेजकर बधाई दे सकते हैं.

1. हैप्पी नारली पूर्णिमा

Narali Purnima 2024 (Photo Credits: File Image)

2. नारली पूर्णिमा की बधाई

Narali Purnima 2024 (Photo Credits: File Image)

3. नारली पूर्णिमा की शुभकामनाएं

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4. हैप्पी नारली पूर्णिमा 2024

Narali Purnima 2024 (Photo Credits: File Image)

5. नारली पूर्णिमा की हार्दिक बधाई

Narali Purnima 2024 (Photo Credits: File Image)

इस दिन, ब्राह्मण सूर्योदय के समय उठते हैं और पास के किसी जल निकाय में पवित्र स्नान करते हैं. इस दिन ब्राह्मण एक नया पवित्र धागा पहनते हैं जिसे ‘जनेऊ’ या ‘यज्ञोपवीत’ कहा जाता है. इस दौरान वैदिक मंत्रों का जाप किया जाता है. यह आमतौर पर एक सामुदायिक अनुष्ठान होता है जिसे नदी या तालाब के किनारे किया जाता है.