Narada Jayanti 2023 Images: नारद जयंती पर ये आकर्षक हिंदी GIF Greetings, WhatsApp Stickers, HD Photos और Wallpapers भेजकर दें बधाई
Narada Jayanti 2023 (Photo Credit- File Image)

Narada Jayanti 2023 Images: देवर्षि नारद, एक ब्रह्मचारी (तपस्वी), जिन्हें प्यार से नारद मुनि कहा जाता है, भगवान ब्रह्मा (ब्रह्मांड के निर्माता) और देवी सरस्वती, ज्ञान की देवी के पुत्र हैं. कहा जाता है कि उनका जन्म ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष (पूर्णिमंत कैलेंडर के अनुसार) के हिंदू महीने में प्रतिपदा तिथि (पहले दिन) को हुआ था. हालांकि, अमावस्यंत कैलेंडर का पालन करने वाले भक्त प्रतिपदा तिथि, कृष्ण पक्ष वैशाख को उनकी जयंती मनाते हैं. बहरहाल, त्योहार का दिन वही रहता है, और केवल महीनों के नाम अलग-अलग होते हैं. ज्येष्ठ माह पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार शुरू होता है, और इसलिए, भक्त आज नारद जयंती मनाएंगे. यह भी पढ़ें: Buddha Purnima 2023: राजकुमार सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बनने की प्रेरक एवं रोचक कहानियां!

देवर्षि नारद मुनि को अक्सर एक पत्रकार के रूप में संदर्भित किया जाता है, क्योंकि उन्होंने देवताओं (उनके संबंधित स्वर्गीय निवासों), देवों (देव लोक), सामान्य लोगों (पृथ्वी लोक) और असुरों (पाताल लोक में) के बीच संचार को आसान बना दिया. दिलचस्प बात यह है कि उनकी बातचीत अक्सर उत्तेजक लगती थी, लेकिन उनके इरादों ने सुखद परिणाम दिए. उनके भाषणों से अक्सर उथल-पुथल मच जाती थी, लेकिन अंत में वे सभी की भलाई के लिए होते थे. नारद जंयती का पर्व हिंदू धर्म में हर्षोल्लास से मनाया जाता है. ऐसे में आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों को घर पर रहते हुए सोशल मीडिया के जरिए इन आकर्षक हिंदी जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, एचडी फोटोज, विशेज और इमेज के जरिए नारद जयंती की बधाई दे सकते हैं.

1- नारद जयंती की शुभकामनाएं

Narada Jayanti 2023 (Photo Credit- File Image)

2- नारद जयंती की बधाई

Narada Jayanti 2023 (Photo Credit- File Image)

3- हैप्पी नारद जयंती

Narada Jayanti 2023 (Photo Credit- File Image)

4- शुभ नारद जयंती

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5- नारद जयंती 2023

Narada Jayanti 2023 (Photo Credit- File Image)

देवऋषि नारद मुनि ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा और विद्या की देवी माता सरस्वती के पुत्र हैं. श्री विष्णु के एक उत्साही भक्त, नारद मुनि बातचीत शुरू करने से पहले और उसके समापन के बाद "नारायण नारायण" का जप करते रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि उनके पास विशेष शक्तियां हैं जो उन्हें तीनों लोकों देवलोक (देवों की भूमि), पृथ्वी लोक (मनुष्यों की भूमि), और पाताललोक (दानवों की भूमि) की पलक झपकते ही यात्रा करने में मदद करती हैं.