Maharashtra Day 2019: 1 मई को मनाया जाता है महाराष्ट्र डे, जानिए 59वें स्थापना दिवस पर इस राज्य से जुड़ी खास बातें
मुंबई/महाराष्ट्र (प्रतीकात्मक तस्वीर) Photo Credits: PTI

Maharashtra Day 2019: एक समय था, जब भारत छोटे-छोटे रियासतों में बंटा हुआ था. 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel) ने इन रियासतों का एकीकरण किया. इसके पश्चात इन राज्यों का क्षेत्र और भाषा के आधार पर वर्गीकरण किया गया. फिलहाल भारत में 29 राज्य हैं. इन सभी राज्यों की वहां की भेषभूषा, खानपान, पहनावा और भाषाएं एक विशेष राज्य की पहचान दिलाती हैं. ये सभी राज्य वर्ष में एक बार अपना स्थापना दिवस मनाते हैं. महाराष्ट्र का स्थापना दिवस (Maharashtra Foundation Day) हर साल पहली मई के दिन मनाया जाता है.

महाराष्ट्र राज्य की स्थापना (Maharashtra Day) 1 मई 1960 में हुई थी, इसीलिए हम प्रत्येक वर्ष 1 मई के दिन महाराष्ट्र दिवस मनाते हैं. इस दिवस को पूरी स्वतंत्रता और हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस दिन सभी स्कूल कॉलेज और कार्यालय में राजकीय अवकाश घोषित कर दिया जाता है. इस वर्ष हम महाराष्ट्र राज्य की 59वीं सालगिरह मनाएंगे.

महाराष्ट्र का उद्भव

1947 में जब देश को संपूर्ण आजादी मिली थी, तब अधिकांश प्रांतीय राज्यों को बाम्बे प्रांत के साथ जोड़ दिया गया था. उन दिनों बॉम्बे प्रांत में मुख्यतया मराठी और गुजराती भाषियों की बहुतायत संख्या हुआ करती थी. कालांतर में गुजराती भाषा के लोगों ने अपने एक अलग राज्य की मांग रखी. वहीं मराठी भाषा वाले भी भाषा के आधार पर अपना अलग राज्य चाहते थे. दोनों भाषा के लोगों ने इस संदर्भ में काफी आंदोलन एवं धरना-प्रदर्शन आदि किया. अंततः बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960 के तहत महाराष्ट्र एवं गुजरात का गठन किया गया. यह भी पढ़ें: Akshaya Tritiya 2019: अक्षय तृतीया पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना भुगतने पड़ सकते हैं भयंकर परिणाम

भाषाई आधार पर राज्यों के नामकरण

वस्तुतः राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत कई राज्यों की स्थापना कहिये अथवा गठन किया गया. इस तरह कन्नड़ बोलने वालों को कर्नाटक, तमिल भाषाइयों को तमिलनाडु, तेलुगू भाषियों को आंध्रप्रदेश तथा मलयालम बोलने वालों को केरल का राज्य सौंपा गया. उस समय तक गुजरात और महाराष्ट्र को अलग प्रांत में नहीं बांटा गया था. लेकिन दो अलग राज्य की मांग को लेकर यहां काफी धरना प्रदर्शन हुए. अंततः 1 मई को भारत की केंद्र सरकार ने बॉम्बे राज्य को दो राज्यों में बांट दिया गया. जो क्षेत्र मराठी बोलनेवालों की थी, वहां महाराष्ट्र तथा गुजराती भाषा बहुल के लोगों के लिए गुजरात का नाम दिया गया.

मुंबई का विशेष आकर्षण

कहा जाता है कि इस बंटवारे के समय बॉम्बे पर अधिकार के लिए गुजरातियों और मराठी भाषियों के बीच काफी नोकझोंक हुई थी, क्योंकि बॉम्बे विश्वस्तरीय दर्शनीय स्थल था, यहां मराठी बोलने वालों की संख्या बहुतायत में थी, इसलिए मराठी भाषी बॉम्बे को महाराष्ट्र में तो वहीं गुजरातियों का कहना था कि बॉम्बे की तरक्की में गुजरातियों का सबसे प्रमुख हाथ रहा है, इसलिए वे बॉम्बे को गुजरात का हिस्सा बनाने की वकालत कर रहे थे. अंततः यहां भी भाषाइयों की जीत हुई और देखते ही देखते बाम्बे महाराष्ट्र का हिस्सा बना दिया गया.

महाराष्ट्र दिवस सेलिब्रेशन

महाराष्ट्र दिवस को खास बनाने के लिए हर साल एक मई के दिन राज्य सरकार द्वारा कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. महाराष्ट्र दिवस के दिन मराठी संस्कृति के दर्शन होते हैं तो कई नामचीन लोगों के चेहरे चलचित्र की तरह हवा में तैर जाते हैं. महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस दिन को खास बनाने के लिए एक विशेष परेड निकाली जाती है. अधिकांशतय ये परेड मुंबई के दादर में स्थित शिवाजी पार्क में आयोजित की जाती है. शिवाजी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल मुख्य अतिथि होते हैं तो राज्य के मुख्य मंत्री हुतात्मा चौक पर जाकर उन महानुभावों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिनका महाराष्ट्र दिवस में विशेष सहयोग दिया होता है. कहा जाता है कि महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर पूरे महाराष्ट्र में शराबबंदी होती है. यह भी पढ़ें: Akshaya Tritiya 2019: अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त करें विवाह, ये काम करने से होंगी सारी अड़चनें दूर

देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य

महाराष्ट्र क्षेत्रफल के आधार पर देश का तीसरा सबसे बड़ा प्रदेश है. इसका भौगोलिक क्षेत्र है 307.713 किलोमीटर है. मध्य प्रदेश और राजस्थान इससे बड़े प्रदेश हैं. महाराष्ट्र कपास की खेती के लिए बहुत लोकप्रिय है. यहां का सबसे बड़ा पर्व गणेशोत्सव है. यहां दो विधान सभा हैं, गर्मी के दिनों में विधान सभा का क्षेत्र मुंबई में तो सर्दी के दिनों में नागपुर में विधानसभा के सत्र आयोजित किये जाते हैं. माना जाता है कि महाराष्ट्र की विकास दर अन्य राज्यों के बेहतर है.

बदले हुए परिवेश में महाराष्ट्र देश की आर्थिक राजधानी मानी जाती है. रोजगार एवं व्यवसाय के प्रर्याप्त अवसर होने के कारण यहां अमूमन हर प्रदेश के लोग देखे जा सकते हैं. इस तरह आज के मुंबई को हम मिनी भारत कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.