Akshaya Tritiya 2019: अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त करें विवाह, ये काम करने से होंगी सारी अड़चनें दूर
अक्षय तृतीया 2019 (Photo Credits: Facebook)

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2019) का पर्व प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है. इस दिन की विशिष्ठता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसी दिन भगवान नर-नारायण सहित परशुराम और हय-ग्रीव का अवतार हुआ था. इस तिथि को जगत के रचयिता ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म इसी दिन हुआ था.मान्यता है कि अगर आपके विवाह में किसी तरह की समस्या या बाधाएं आ रही हैं, तो थोड़े प्रयासों के पश्चात आपकी शादी में आने वाली सारी बाधाएं दूर होंगी. आप विवाह कर सुखद जीवन की शुरुआत कर सकते हैं.

सनातन धर्म में उल्लेखित है कि अक्षय तृतीया का दिन विवाह के लिए सबसे मंगलकारी माना जाता है. अधिकांश पुरोहित स्वीकारते हैं कि अगर आप अपनी बेटी की शादी अक्षय तृतीया के दिन कर रहे हैं और किसी कारणवश शादी का मुहूर्त नहीं निकलवा सके हैं तो चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. परिणय संस्कार के लिए इससे ज्यादा मंगलकारी दिन कोई दूसरा हो ही नहीं सकता. अगर किसी तरह के दोष आदि के कारण आपकी शादी में बाधाएं आ रही हैं तो वह समाप्त हो सकती हैं, आपको बस कुछ पूजा-अर्चना करनी होगी.  

* जिस युवक अथवा युवती की शादी में रुकावटें आ रही हैं, उन्हें एक साफ नारियल हाथ में लेकर ईश्वर का ध्यान करें. अपना एवं अपने गोत्र का नाम लें. अगर गोत्र का नाम नहीं पता अथवा ध्यान नहीं आ रहा है तो बरगद के पेड़ की परिक्रमाएं पूरी करें. पूजा के पश्चात नारियल को इसी पेड़ के नीचे रख दें. विवाह के रास्ते में आ रही सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी.

इस शुभ पर्व पर शिव जी के मंदिर पर जाकर मिट्टी की मटकी का दान करें, तत्पश्चात शिव-पार्वती जी का रुद्राभिषके करें.

अक्षय तृतीया के दिन मंगल, शनि, गुरु का दान तथा शिव जी का रुद्राभिषेक अवश्य करें.  

इस पर्व में दान-प्रदान करने का प्रचलन है,

गाय, भूमिस्वर्णघीवस्त्रधान्यगुड़चांदीनमकशहद और कन्या आदि दान देने का प्रचलन है. लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार दान भी करते हैं.

* अक्षय तृतीया के दिन किसी शिव मंदिर में माता पार्वती और शिवजी की पूजा के साथ रुद्राभिषेक करवाएं. इसके पश्चात शादी की सारी बाधाएं स्वतः दूर जो जाएंगी.

अक्षय तृतीया की रात्रि पीले रंग का एक कपड़ा चौकी पर बिछाएं. पूर्व दिशा की ओर मुख करें. चौकी पर बिछे कपड़े पर माता पार्वती की प्रतिमा स्‍थापित करें. इस पर मुट्ठी भर गेहूं भी इस पर रखें. गेहूं के ढेर पर माता पार्वती की प्रतिमा की स्थापना करें. उसके पश्चात माथे पर केसर और चंदन के लेप का तिलक लगाएं. हल्‍दी माला से इस मंत्र का जप करें.

लड़के ये मंत्र पढ़ें 

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।  

तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवाम्।।

लड़कियों के लिए मंत्र

ॐ गं घ्रौ गं शीघ्र विवाह सिद्धये गौर्यै फट्।

 अक्षय तृतीया से चार दिनों तक नित्य इस मंत्र का 3-3 माला का जाप करें. अंतिम दिन पूजा की सारी सामग्री देवी पार्वती के चरणों में स्पर्श करवाकर मंदिर में रख आएं. विवाह में आनेवाली सारी बाधाएं दूर होंगी.