
Maharana Pratap Jayanti 2025 Messages: महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti) भारतीय इतिहास में विशेष रूप से राजस्थान के क्षेत्र में एक पूजनीय व्यक्ति, महाराणा प्रताप की स्मृति का सम्मान करती है. महाराणा प्रताप जयंती उनके उल्लेखनीय साहस, दृढ़ संकल्प और विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा करने की अटूट प्रतिबद्धता की याद दिलाती है, खासकर मुगल काल के दौरान. यह उनकी जयंती का दिन है, जिसे महाराणा प्रताप जयंती के रूप में मनाया जाता है. महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. महाराणा प्रताप की विरासत में लचीलापन और देशभक्ति की भावना समाहित है, जो उन्हें राजपूत समुदाय के लिए गौरव का प्रतीक बनाती है और पूरे भारत में लोगों के बीच श्रद्धा को प्रेरित करती है. इस दिन के उत्सव में अक्सर भारतीय विरासत और वीरता में उनके योगदान को याद करने के लिए अनुष्ठान, जुलूस, सांस्कृतिक कार्यक्रम और श्रद्धांजलि शामिल होती है. यह भी पढ़ें: Maharana Pratap Jayanti 2025: आज के युवाओं एवं नेताओं को महाराणा प्रताप के जीवन से सीखने योग्य कुछ फैक्ट!
महाराणा प्रताप जयंती हर साल 9 मई को मनाई जाती है. ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को हुआ था. हालाँकि, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार गणना करने पर, महाराणा प्रताप जयंती की तारीख मई महीने के 22वें दिन निकलती है. ऐतिहासिक परंपरा के अनुसार, भारत में लोग हर साल 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती मनाते हैं. हालांकि, कुछ लोग हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह के तीसरे चंद्र दिवस पर भी महाराणा प्रताप जयंती मनाते हैं. मेवाड़ के राजा और भारत के इस वीरयोद्धा की जयंती बहुत धूमधाम से मनाया जाती है. ऐसे में आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस को भेजकर अपनों को महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1.. झुके नहीं वह मुगलों से
अनुबंधों को ठुकरा डाला
मातृभूमि की भक्ति का
नया प्रतिमान बना डाला !
महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं!

2. धन्य हुआ रे राजस्थान
जो जन्म लिया यहां प्रताप ने
धन्य हुआ रे सारा मेवाड़
जहां कदम रखे थे प्रताप ने !
महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं!

3. चेतक पर चढ़ जिसने
भाला से दुश्मन संघारे थे
मातृभूमि के खातिर
जंगल में कई साल गुजारे थे !
महाराणा प्रताप जयंती की बधाई!

4. जब-जब तेरी तलवार उठी
तो दुश्मन टोली डोल गयी
फीकी पड़ी दहाड़ शेर की
जब-जब तू ने हुंकार भरी !
महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं!

5. हर मां की ये ख्वाहिश है, कि एक प्रताप वो भी पैदा करे
देख उसकी शक्ति को, हर दुशमन उससे डरा करे !
महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं!

राजस्थान के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप अकेले थे, जिन्होंने शक्तिशाली मुगल साम्राज्य के आगे झुकने से इनकार कर दिया. जब मुगल सम्राट अकबर ने चित्तौड़ को जीतने और मेवाड़ को अपने अधीन करने का लक्ष्य बनाया, तो उसने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने भरोसेमंद सेनापति मान सिंह को भेजा.
महाराणा प्रताप की सेना और मुगल सेना के बीच संघर्ष का समापन हल्दीघाटी के प्रसिद्ध युद्ध में हुआ. संख्या में कम होने और दुर्जेय विरोधियों का सामना करने के बावजूद, महाराणा प्रताप ने अपने सैनिकों का नेतृत्व उल्लेखनीय साहस और दृढ़ संकल्प के साथ किया. हल्दीघाटी के बीहड़ इलाके में लड़ी गई यह लड़ाई भयंकर और खूनी थी, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्ध में वीरता और कौशल का प्रदर्शन किया.