Lal Bahadur Shastri Jayanti 2021 Wishes: हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के साथ-साथ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) मनाई जाती है. शास्त्री जी ( Shastri Ji) का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुगलसराय में शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था. उनका पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था. अपना पूरा जीवन सादगी के साथ व्यतीत करने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने हरीशचंद्र उच्च विद्यालय से स्कूली पढ़ाई की थी, उसके बाद उन्होंने काशी विद्या पीठ से स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की, जिसके बाद उन्हें शास्त्री की उपाधि से नवाजा गया. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद का उत्तरदायित्व सौंपा गया था.
'जय जवान, जय किसान' का नारा देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर लोग उन्हें याद करते हैं. आप भी इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके लाल बहादुर शास्त्री जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- जो हैं भारत माता के सच्चे लाल,
भारत रत्न जिनका अभिमान,
आज मनाओ उनकी जयंती,
दिलाया जिन्होंने हमें सम्मान.
लाल बहादुर शास्त्री जयंती की शुभकामनाएं
2- शत-शत नमन है भारत के लाल को
जिसने देशहित को ही अपना लक्ष्य बनाया,
जिनके अडिग-अटल निर्णयों से,
देश अग्रसर हो पाया...
लाल बहादुर शास्त्री जयंती की शुभकामनाएं
3- जिनके ही दृढ़ अनुशासन से,
वह पाक हिंद से हारा था,
जय जवान जय किसान,
यह इनका ही तो नारा था.
लाल बहादुर शास्त्री जयंती की शुभकामनाएं
4- जब लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिवस आता है,
हृदय शत-शत नमन करने को झुक जाता है.
लाल बहादुर शास्त्री जयंती की शुभकामनाएं
5- देश प्रेम के प्रबल वेग से,
राजनीति में प्रवेश लिया,
भारत की एकता और अखंडता के लिए,
जय जवान, जय किसान का,
अटल संदेश दिया...
लाल बहादुर शास्त्री जयंती की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया था. अंग्रेजों के खिलाफ देश की लड़ाई में भी लाल बहादुर शास्त्री का अहम योगदान रहा है. दरअसल, साल 1920 में शास्त्री जी स्वाधीनता संग्राम में शामिल हो गए थे. उन्होंने 1921 के असहयोग आंदोलन, 1930 के दांडी मार्च और 1942 के भारत छोड़ा आंदोलन में हिस्सा लिया था.