krishna Janmashtami 2020: श्री कृष्ण जन्माष्टमी (krishna Janmashtami) को श्री कृष्ण जन्मोत्सव Krishna Janmotsav) के नाम से भी जाना जाता है. प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की अष्टमी के दिन श्रीकृष्ण उत्सव मनाने की परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है. हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार बताया गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व कृष्णपक्ष 'जिसे अंधेरा पखवाड़ा भी कहते हैं' के आठवें दिन मनाया जाता है. इस वर्ष 2020 को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 11 अगस्त दिन मंगलवार को पड़ रहा है.
मान्यता है कि हिंदी मास भाद्रपद की आठवीं तिथि के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में माता देवकी के गर्भ से हुआ था. यह दिन हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस अवसर पर श्री कृष्ण भक्त पूरे दिन उपवास रखकर भगवान श्री कृष्ण के आगमन की खुशियों में भजन-कीर्तन करते हैं. कृष्ण के प्रति प्रेम के भक्ति गीत गाते हैं, और रात बारह बजे जब श्रीकृष्ण का जन्म होता है तब श्री कृष्ण भगवान के जयकारे लगाते हुए उनकी आरती उतारी जाती है. बहुत जगहों पर महिलाएं श्री कृष्ण जन्म से संबंधित सोहर भी गाती हैं.
पूजा की तिथि और समय
कृष्ण जन्माष्टमी तिथि- 11 अगस्त 2020 (मंगलवार)
निशीथ पूजा का समय- मध्यरात्रि 12:05 बजे से 12:48 बजे तक, (43 मिनट)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखने वाले श्रद्धालु सप्तमी को एक ही समय भोजन करते हैं. अष्टमी के पूरे दिन उपवास रखते हुए जब रोहिणी नक्षत्र एवं अष्टमी तिथि की समाप्ति होती है, तब व्रत का पारण करते हैं. वैदिक परंपराओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण की पूजा निशीथ काल में अर्धरात्रि में की जाती है. श्रद्धालु मध्यरात्रि में ही शोडषोपचार विधि से पूजा अनुष्ठान करते हैं. इसी काल में श्रीकृष्ण की बाल प्रतिमा को पहले पंचामृत से इसके बाद गंगाजल से स्नान कराया जाता है. यह भी पढ़ें: Krishna Janmashtami 2020 Wishes and Images: श्रीकृष्ण की मनमोहक Photos, GIFs Greetings, WhatsApp Stickers और HD Wallpapers भेजकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को जन्माष्टमी की दें शुभकामनाएं
श्री कृष्ण को नए वस्त्र और आभूषण पहना कर उन्हें पालने में रखा जाता है. इस रात्रि महिलाओं द्वारा अपने घर के दरवाजों और रसोई घर के बाहर श्रीकृष्ण के आगमन के स्वरूप में छोटे-छोटे पैरों के खूबसूरत चिह्न बनाये जाते हैं. यह इस बात का प्रतीक होता है कि श्री कृष्ण आपके घर पर पधारे हैं. इसे सुख, शांति एवं समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है.