Kamada Ekadashi 2024 Wishes in Hindi: इस साल 9 अप्रैल 2024 से हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत हो चुकी है और हिंदू नव वर्ष की पहली एकादशी 19 अप्रैल को मनाई जाएगी. दरअसल, हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नव संवत् का आगाज होता है और इसी के साथ चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होती है. नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि के खत्म होने के बाद चैत्र शुक्ल एकादशी को कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की कृपा से पारिवारिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया जाता है. कहा जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से तन और मन शुद्ध होता है. इसके साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से साधक को 100 यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति की मनोवांछित कामना पूरी होती है, इसलिए इसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस खास अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स और एचडी इमेजेस को अपनों संग शेयर कर उन्हें शुभ कामदा एकादशी विश कर सकते हैं.
1- ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे,
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करें.
शुभ कामदा एकादशी
2- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ताल बजे, मृदंग बजे, बजे श्रीहरि की वीणा,
जय राम, जय राम, जय-जय श्रीकृष्ण हरि.
शुभ कामदा एकादशी
3- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
भगवान विष्णु आपको सुख, शांति, समृद्धि,
यश और कीर्ति प्रदान करें.
शुभ कामदा एकादशी
4- ॐ श्री विष्णवे नम:
विष्णु जिनका नाम हो,
वैकुंठ जिनका धाम हो,
कामदा एकादशी के शुभ अवसर पर,
श्रीहरि को शत-शत प्रणाम.
शुभ कामदा एकादशी
5- जो व्यक्ति कामदा एकादशी व्रत का पालन,
सच्चे मन से करता है,
उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.
शुभ कामदा एकादशी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और मृत्यु के पश्चात वैकुंठ में स्थान मिलता है. वेदों और पुराणों में बताया गया है कि जितना पुण्य हजारों वर्षों की तपस्या, सोना और मोती दान या कन्यादान से मिलता है, उससे कही ज्यादा फल कामदा एकादशी का व्रत करने से मिलता है. इस एकादशी को फलदा एकादशी भी कहा जाता है. गौरतलब है कि एकादशी व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से शुरु हो जाता है और द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन व दक्षिणा देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.