Kajari Teej 2023 Wishes in Hindi: सावन मास (Sawan Maas) में हरियाली तीज (Hariyali Teej) का व्रत रखने के बाद विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज (Kajari Teej) का व्रत रखती हैं. इस दिन पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत की कामना से महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि कजरी तीज के व्रत से सुहागन महिलाओं को खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के अलावा रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. इस साल 2 सितंबर 2023 को कजरी तीज मनाई जा रही है.
कहा जाता है कि कजरी तीज का व्रत रखने और पूजन करने से भगवान शिव-माता पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है. इस बेहद पावन अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए कजरी तीज की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- सुहाना लागे मोहे तीज का दिन,
गीत गाए संग झूले म्हारो बिंद,
मिलकर नाचे सारी सखियां,
बजे चूड़ी घुंघरू और पैजनियां.
कजरी तीज की शुभकामनाएं
2- सजे थाल में मीठे पकवान,
गुझिया, हलवा और मिष्ठान,
लेकर आए खुशियां और प्यार,
शुभ हो सबके लिए तीज का त्योहार.
कजरी तीज की शुभकामनाएं
3- मदहोश कर देती है,
हरियाली तीज की बहार,
गाता है ये दिल झूम कर,
जब झूलूं मैं सखियों के साथ.
कजरी तीज की शुभकामनाएं
4- बारिश की बूंदे इस सावन में,
फैलाए चारों ओर हरियाली,
ये हरियाली का त्योहार ले जाए,
हर कर आपकी सब परेशानी.
कजरी तीज की शुभकामनाएं
5- सावन की घटा बीत गई,
अब भादो की बारी आई,
आओ बहनों गीत गाए,
और करें तीज की तैयारी.
कजरी तीज की शुभकामनाएं
कजरी तीज व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए, फिर स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए. इसके बाद चौकी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करते हुए भगवान शिव का दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म इत्यादि से पूजन करना चाहिए, फिर रात्रि में चंद्रोदय के बाद हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के दाने लेकर चंद्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए, फिर अपना व्रत खोलना चाहिए.