Jamat ul-Vida 2023: कब है रमजान का आखिरी जुमा? जानें अलविदा जुम्मा का इस्लाम में महत्व!
अलविदा जुम्मा (Photo: File Image)

Jamat ul-Vida 2023: 'जमात उल विदा' (Jamat ul-Vida) वस्तुतः एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है जुम्मे की विदाई (Alvida Jumma) इस पर्व को दुनिया भर के मुस्लिमों द्वारा काफी धूम-धाम तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह पर्व रमजान के अंतिम शुक्रवार यानी जुमे के दिन सेलिब्रेट किया जाता है. इस्लाम धर्म के मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र दिन अल्लाह का एक दूत (फरिश्ता) पृथ्वी पर उतरता है, और लोगों की प्रार्थनाओं पर ध्यान देने के लिए मस्जिद में प्रवेश करता है. यह भी पढ़ें: Laylat al-Qadr 2023 Date and Time: जानें इस्लाम की सबसे पवित्र रातों में से एक शब-ए-कद्र के बारे में!

जमात उल-विदा रमजान के पवित्र माह के आखिरी शुक्रवार को चिह्नित करता है. इस वर्ष रमजान का महीना 25 मार्च से शुरू हुआ था और 22 अप्रैल, 2023, शनिवार को ईद उल-फितर मनाए जाने की उम्मीद की जा रही है. रमजान जमात उल-विदा ईद उल-फितर से पहले आखिरी शुक्रवार का दिन रमजान माह का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, ऐसे में इस पर्व के इतिहास को समझना बहुत जरूरी है. आइये बात करते हैं जमात उल-विदा 2023 के महत्व एवं इसके सेलिब्रेशन के बारे में विस्तार से..

कब है जमात उल-विदा 2023?

जमात उल-विदा रमजान के महीने का आखिरी शुक्रवार होता है. किसी भी मुस्लिम के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस वर्ष जमात उल-विदा का जश्न 21 अप्रैल, 2023 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.

जमात उल-विदा का महत्व!

जमात उल-विदा दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘जमात’ और ‘उल-विदा’. यहां जमात का आशय जुम्मा और उल-विदा का अर्थ विदाई होता है. सरल शब्दों में कहा जाये तो, जमात उल-विदा रमजान के महीने का आखिरी शुक्रवार या जुमा होता है. मान्यता है कि इस रमजान के इस आखिरी पवित्र जुमा के दिन अल्लाह का एक दूत (फरिश्ता) पृथ्वी पर उतरता है और सभी की प्रार्थनाओं पर ध्यान देने के लिए मस्जिद में प्रवेश करता है. दरअसल रमजान का पूरा माह ही बहुत पवित्र महीना होता है, जो मानवता के साथ कृतज्ञता दिखाने, दयालु होने और दान-धर्म पर केंद्रित होता है. बहुत से लोग मानते हैं कि जमात उल विदा का उपवास करना बेहद शुभ होता है. यहां तक कि जो लोग पूरे महीने उपवास करने में किसी वजह से असमर्थ होते हैं, वे भी इस एक दिन रोजा रखते हुए रोजा के सारे नियमों का पालन करते हैं, और अल्लाह से पृथ्वी पर शांति और भाईचारा की प्रार्थना करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि यह जमात उल-विदा हम सभी के लिए शांति और समृद्धि से भरा साबित होगा.

जमात उल विदा मुबारक!