Indian Army Day 2022 Messages in Hindi: भारतीय थल सेना (Indian Army Day) के लिए 15 जनवरी का दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस यानी इंडियन आर्मी दिवस मनाया जाता है. दरअसल, साल 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (K. M. Cariappa) ने भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना (Army Day) की कमान ली थी. सेना की कमान संभालने के बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा इंडियन आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे, उनके सम्मान में हर साल इस दिवस को भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन नई दिल्ली और सेना के सभी मुख्यालयों पर सैन्य परेड़ों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें थल सेना के अदम्य साहस, वीरता, शौर्य और कुर्बानियों को याद किया जाता है.
भारतीय सेना दिवस हमारे देश के वीर जवानों के साथ-साथ देश के आम लोगों के लिए भी बहुत गर्व का दिन है. भारतीय सेना के जवानों को सम्मान देने के लिए इस दिवस को पूरे जोश और उत्साह के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस अवसर पर आप भी देशभक्ति के जज्बे से भरपूर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर लें,
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे,
देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर लें.
सेना दिवस की शुभकामनाएं
2- वतन के वास्ते है जीना,
वतन के वास्ते है मरना,
वतन पे जान फिदा करना,
प्रभु हमको सिखा देना.
सेना दिवस की शुभकामनाएं
3- जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं,
एक दिन उन्हीं के पीछे काफिले होते हैं.
सेना है तो हम हैं...
सेना दिवस की शुभकामनाएं
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4- सरफरोशी की तमन्ना,
अब हमारे दिल में है,
खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है.
सेना दिवस की शुभकामनाएं
5- अपना घर छोड़ कर,
सरहद को ठिकाना बना लिया,
जान हथेली पर रखकर,
देश की हिफाजत को धर्म बना लिया.
सेना दिवस की शुभकामनाएं
भारतीय सेमा का गठन सन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता में किया था, देश की आजादी से पहले इस पर ब्रिटिश कमांडर का कब्जा था. साल 1947 में जब देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली, तब भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था. आखिरकार आजादी के दो साल बाद 15 जनवरी 1949 को आजाद भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिसी बुचर ने भारतीय सेना की कमान फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को सौंपी. करियप्पा फील्ड मार्शल का खिताब हासिल करने वाले दूसरे अफसर थे, उनसे पहले साल 1973 में यह खिताब जनरल एसएफजे मानेकशॉ को मिला था.