भारतीय थल सेना 15 जनवरी को अपना 73वां सेना दिवस (आर्मी डे) मनाएगी. 15 जनवरी का दिन- देश की आन, बान, शान, देश के गौरव यानी भारतीय थल सेना के जवानों का है. थल सेना दिवस देश के जांबाज रणबांकुरों की शहादत पर गर्व करने का एक विशेष मौका है. इनके शौर्य और पराक्रम के बारे में सोचते ही हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. सेना दिवस उन सैनिकों को भी सम्मानित करता है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया है. थल सेना भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है. थल सेना दिवस पर जानते है इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें...
15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है
भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 को हुई थी. भारतीय थल सेना 15 जनवरी को अपना 73वां सेना दिवस (आर्मी डे) मनाएगी. 15 जनवरी का दिन- देश की आन, बान, शान, देश के गौरव यानी भारतीय थल सेना के जवानों का है. थल सेना दिवस देश के जांबाज रणबांकुरों की शहादत पर गर्व करने का एक विशेष मौका है.हालांकि, आजादी के बाद 15 जनवरी, 1949 को सेना को अपना पहला भारतीय प्रमुख मिला. दरअसल 15 जनवरी के ही दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले सेनाध्यक्ष बने थे. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन मनाया जाता है. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी. आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है.
कैसे मनाया जाता है थल सेना दिवस
> देश में सेना कमान मुख्यालय पर सैन्य परेड का आयोजन करके इस दिन को मनाया जाता है, जिसमें हवाई स्टंट और बाइक पिरामिड जैसी विभिन्न कलाबाजी का भी प्रदर्शन किया जाता है. मुख्य परेड दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में आयोजित की जाती है, इस दिन शौर्य पुरस्कार और सेना पदक भी वितरित किए जाते हैं. सेना प्रमुख और तमाम अधिकारी इंडिया गेट पर 'अमर जवान ज्योति' पर जवानों को श्रद्धांजलि भी देते है.
> दिल्ली छावनी के परेड ग्राउंड में आयोजित सेना दिवस परेड समारोह के मुख्य आकर्षण में से एक है. सेना दिवस के दिन होने वाली परेड की सेना प्रमुख सलामी लेते हैं और जनरल ऑफिसर कमांडिंग, परेड का निरीक्षण करता है. अन्य दो सेवा प्रमुख भी हर साल परेड में शामिल होते हैं और सलामी लेते हैं. यह परेड भी गणतंत्र दिवस परेड का एक हिस्सा है. यह भी पढ़ें : Pongal Greetings 2022: पोंगल पर ये हिंदी ग्रीटिंग्स WhatsApp Stickers और HD Images के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं!
> करियप्पा परेड ग्राउंड दिल्ली के सबसे बड़े मैदानों में से एक है. इसका नाम फील्ड मार्शल के सम्मान में दिसंबर 2016 में करियप्पा के नाम पर रखा गया था. करियप्पा परेड ग्राउंड हर साल कई समारोह आयोजित करता है, जिसमें सेना दिवस परेड में सबसे ऊपर है. परमवीर चक्र और अशोक चक्र के प्राप्तकर्ता, हर साल सेना दिवस परेड में भाग लेते हैं.
भारतीय सेना का आदर्श वाक्य - "स्वयं से पहले सेवा"
आजाद भारत में थल सेना ने लड़े युद्ध
> कश्मीर युद्ध 1947
> ऑपरेशन पोलो
> ऑपरेशन विजय
> भारत - चीन युद्ध 1962
> भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध 1965
> भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध 1971
> भारत-पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध 1999