Holika Dahan 2019 पूजा विधि और शुभ मुहूर्त: जानिए होलिका दहन का समय और इस सप्ताह के व्रत एंव त्योहार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits Wikimedia Commons)

हिन्दू धर्म में प्रवित्र त्योहारों में होली एक पवित्र और खुशियों का त्योहार है. यह त्योहार पूरे देश में दो दिन मनाई जाती है. पहले दिन होलिका हदन करके रावण का दहन करते हैं, वहीं दूसरे दिन लोग खुशियों की होली मानते है. इस दौरान लोग एक दूसरे को रंग लगाकर होली मानते हैं. इस दो दिन के त्योहार को लेकर देश में आज खुशी देखी जा रही है. आज बुधवार  को जहां होलिका दहन किया जायेगा वहीं, कल यानी गुरुवार को खुशियों की होली मनाई जाएगी.

इस त्यौहार को लेकर आइये जानते हैं कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है.

होली के दिन भद्रा सुबह: 10.44 बजे से रात्रि 8.59 बजे तक. होलिका दहन भद्रा के बाद ही करना शुभ है. हिन्दू रित्रिवज के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है. 9 बज कर 28 मिनट से रात्रि 11:58 तक 3 घंटे ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है. इसके अलावा 21 मार्च को स्नान और दान की पूर्णिमा और होली धुरड्डी भी है. भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत है. इसके अलावा चैत्र कृष्ण प्रारम्भ भी 21 मार्च से ही शुरू हो रहा है. यह भी पढ़े: Holi 2019: अयोध्या विवाद के पक्षकार इकबाल अंसारी और महंत धर्मदास महाराज ने जमकर खेली होली, दिखी गंगा-जमुनी तहजीब

ऐसे करें पूजन

पूजा सामग्री के साथ होलिका के पास गोबर से बनी ढाल भी रखी जाती है. होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के बल्ले (गोबर की बनी) की मालाएं अलग से रख ली जाती हैं. एक माला पितरों के नाम की, दूसरी श्री हनुमान जी के लिए, तीसरी शीतला माता, और चौथी घर परिवार के नाम की रखी जाती है. पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत के धागे को लपेटा जाता है. होलिका की परिक्रमा तीन या सात बार की जाती है. शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित किया जाता है.

जानिए इस हफ्ते के व्रत और त्योहार.

मंगलवार-19 मार्च: नन्द त्रयोदशी, महेश्वर व्रत, वृष दान.

बुधवार-20 मार्च: भद्रा प्रात: 10.44 बजे से रात्रि 8.59 बजे तक, होलिका दहन भद्रा के बाद ही करें. भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत, सूर्य उत्तर गोल प्रारम्भ, महाविषुव दिन.

गुरुवार- 21 मार्च: स्नान-दान की पूर्णिमा, चैत्र कृष्ण प्रारम्भ, होली धुरड्डी, वंसतोत्सव, रतिकाम महोत्सव, *श्री चैतन्य महाप्रभु जयंती, प्रतिपदा तिथि क्षय.

शुक्रवार -22 मार्च: राष्ट्रीय चैत्र मास प्रारम्भ। शक संवत् 1941 प्रारम्भ। संत तुकाराम जयंती.

शनिवार- 23 मार्च : भद्रा प्रात: 11.39 से रात 10.32 तक.

रविवार- 24 मार्च : संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत.

सोमवार- 25 मार्च : श्री रंग पंचमी, मेला नवचंदी,

होली का मौका ऐसे में आप भी अपने दोस्तों और करीबियों को अगर होली की बधाइयां देना चाहते हैं तो इन शानदार मैसेजेस को भेज सकते हैं और कह सकते हैं हैप्पी होली.