Guru Nanak Jayanti 2023 Messages in Hindi: आज (27 नवंबर 2023) सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती (Guru Nanak Jayanti) मनाई जा रही है, जिसे गुरपुरब (Gurpurab) या प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है, जो सिख धर्म से जुड़े लोगों के लिए बड़ा पर्व होता है. गुरु नानक जी का जन्म 1469 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए हर साल इसे प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है. गुरु नानक देव जी के पिता का नाम कल्याण चंद और मां का नाम तृप्ता था. उनका जन्म वर्तमान के पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत में तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, जो आजकल ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. यह सिख समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है.
गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारों में अखंड पाठ, कीर्तन, प्रार्थना, लंगर, प्रभात फेरी जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं व आध्यात्मिक ज्ञान को याद किया जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज के जरिए अपनों को गुरु पर्व की लख-लख बधाइयां दे सकते हैं.
1- सर पर मेरे है गुरुवर का हाथ,
है हरपल, हरदम वो मेरे साथ,
है विश्वास वही राह दिखाएंगे,
मेरे सारे बिगड़े काम बन जाएंगे.
गुरु पर्व की लख-लख बधाइयां
2- खालसा मेरो रूप है खास,
खालसे में ही करूं निवास,
खालसा अकाल पुरख की फौज,
खालसा मेरा मित्र कहाए.
गुरु पर्व की लख-लख बधाइयां
3- नानक-नानक मैं हरदम करूं,
मेरे गुरु को ढूंढती मैं फिरूं,
मुझको दे दो ऐसा आशीर्वाद,
आंखें जब खोलूं दर्शन तेरे करूं.
गुरु पर्व की लख-लख बधाइयां
4- इस जग की माया ने मुझको है घेरा,
ऐसी कृपा करो गुरु नाम न भूलूं तेरा,
चारों ओर मेरे दुखों का छाया है अंधेरा,
मेरा इक पल भी ना जाए बिना लिए नाम तेरा.
गुरु पर्व की लख-लख बधाइयां
5- नानक नाम जहाज है,
जो जपे वो उतरे पार,
मेरा सद्गुरु करता मुझको प्यार,
वही तो है मेरा खेवनहार.
गुरु पर्व की लख-लख बधाइयां
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, बचपन से ही गुरू नानक देव जी का मन सांसारिक कामों में नहीं लगता था और वो अपना ज्यादातर समय ईश्वर की भक्ति और सत्संग में बिताते थे. उन्हें एक महान दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ, योगी और देशभक्त के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने समाज को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया था और समाज से जातिवाद को दूर करने के उद्देश्य से कई यात्राएं करके उपदेश दिए थे. समाज को जागरूक करने वाले गुरु नानक देव जी की जयंती को हर साल प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है.