Eid al-Adha 2023 Mubarak Wishes in Hindi: रमजान ईद (Ramzan Eid) यानी मीठी ईद (Meethi Eid) के करीब 70 दिन बाद मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद (Bakrid) मनाते हैं. बकरीद को ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), बकरा ईद (Bakra Eid) और कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) जैसे नामों से जाना जाता है. इस्लाम धर्म में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के त्योहार का विशेष महत्व बताया जाता है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 12वें यानी आखिरी महीने धू-अल-हिज्जाह के चांद के दीदार होने के दसवें दिन बकरीद मनाई जाती है. भारत में 19 जून 2023 को चांद का दीदार हुआ है, जिसके हिसाब से 29 जून 2023 को पूरे देश में बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा. बकरीद को कुर्बानी का त्योहार का जाता है और इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है.
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के इस खास अवसर पर दुनिया भर के मुसलमान सुबह ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद मुबारक कहते हैं. ऐसे में आप भी बकरीद के इस खास अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दे सकते हैं.
1- हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा,
मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा,
फना हो लब्ज-ए-गम यही है दुआ,
बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा.
बकरीद मुबारक!
2- आज खुदा की हम पर हो मेहरबानी,
कर दे माफ हम लोगों की सारी नाफरमानी,
ईद का दिन आज, आओ मिलकर करें यही वादा,
खुदा की ही राहों पर हम चलेंगे सदा.
बकरीद मुबारक!
3- अल्लाह का रहम आप पर,
आज और हमेशा बरसे,
जैसे मुस्कुराते हैं फूल,
हमेशा आप मुस्कुराएं,
भूल जाएं दुनिया के सारे गम आप,
खुशियों के गीत चारों तरफ फैलाएं आप.
बकरीद मुबारक!
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4- सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल,
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल,
चारों तरफ हो खुशियों का तराना,
इसी दुआ के साथ आपको मुबारक हो बकरीद.
बकरीद मुबारक!
5- अल्लाह आपको खुदाई की सारी नेमतें दें,
अल्लाह आपको खुशियां और अता करें,
दुआ हमारी है आपके साथ,
बकरीद पर आप और सवाब हासिल करें.
बकरीद मुबारक!
इस्लामिक धर्म की एक प्रचलित कथा के अनुसार, ईद-उल-अजहा पर अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनकी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांगी थी, जिसके बाद पैगंबर इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल की अल्लाह के हुक्म पर कुर्बानी देने का फैसला कर लिया. पैगंबर अपने बेटे को जैसे ही कुर्बान करने जा रहे थे, वैसे ही अल्लाह ने उसे जीवनदान देते हुए उसकी जगह कुर्बानी को बकरे में तब्दील कर दिया. यही वजह है कि मुस्लिम समाज के लोग हर साल बकरे की कुर्बानी देकर बकरीद का त्योहार मनाते हैं और कुर्बानी के गोश्त को रिश्तेदारों, दोस्तों व पड़ोसियों में बांटा जाता है.