Dev Deepawali 2023 Messages in Hindi: इस साल देव दीपावली (Dev Deepawali) का पर्व कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) से एक दिन पहले आज (26 नवंबर 2023) मनाई जा रही है, क्योंकि जब पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल में विद्यमान होती है, तब देव दिवाली (Dev Diwali) मनाई जाती है. हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता भगवान शिव की नगरी काशी में देव दीपावली (Dev Deepawali) मनाने के लिए आते हैं. ऐसे में भक्त उनके निमित्त शाम को दीपदान करते हैं. इसी रात माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरारी अवतार लेकर त्रिपुरासुर का संहार किया था, जिससे प्रसन्न होकर देवी-देवताओं ने काशी नगरी में गंगा स्नान के बाद भगवान शिव की उपासना की थी और दीप प्रज्जवलित कर देव दीपावली का उत्सव मनाया था.
देव दीपावली को त्रिपुरोत्सव, त्रिपुरारी पूर्णिमा और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. देव दीपावली के पर्व को भगवान शिव की पावन नगरी काशी यानी वाराणसी में धूमधाम से मनाया जाता है. इसके साथ ही इस पर्व की बधाई दी जाती है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को हैप्पी देव दीपावली कह सकते हैं.
1- मुस्कुराते-हंसते दीप तुम जलाना,
जीवन में नई खुशियों को लाना,
दुःख दर्द अपने भूलकर,
सबको गले लगाना, सबको गले लगाना.
हैप्पी देव दीपावली
2- प्यार की बंसी बजे,
प्यार की बजे शहनाई,
खुशियों के दीप जले,
दुख कभी न ले अंगड़ाई.
हैप्पी देव दीपावली
3- हर दम खुशियां हो साथ,
कभी दामन न हो खाली,
हम सबकी तरफ से,
विश यू हैप्पी देव दिवाली.
हैप्पी देव दीपावली
4- गंगा आरती,
घाटों पर शंखनाद,
शिव के मंत्रों का उद्घोष,
कितना अद्भुत और प्रफुल्लित,
करने वाला है ये धार्मिक वातावरण.
आइए मिलकर आराधना करें,
और मनाएं देव दिवाली...
हैप्पी देव दीपावली
5- दीयों की रोशनी से झिलमिलाता आंगन हो,
पटाखों की गूंज से आसमान रोशन हो,
ऐसी आए झूम के ये देव दिवाली,
कि हर तरफ खुशियों का मौसम हो.
हैप्पी देव दीपावली
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से एक हजार बार गंगा स्नान करने के समान फल मिलता है. इस दिन गंगा स्नान करने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और उत्तम आरोग्य का प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस दिन गंगा किनारे गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र, गर्म कपड़े का दान करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं. इतना ही नहीं, मान्यता तो यह भी है कि इसी पावन तिथि पर भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया है.