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Basant Panchami Mehndi Design: वसंत पंचमी (Basant Panchami) का दिन ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी सरस्वती को समर्पित है. वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. लोग ज्ञान से आलोकित होने और आलस्य, सुस्ती और अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए देवी सरस्वती की पूजा करते हैं. बच्चों को शिक्षा देने की इस रस्म को अक्षर-अभ्यासम या विद्या-आरंभम/प्रसासन के नाम से जाना जाता है जो वसंत पंचमी के प्रसिद्ध अनुष्ठानों में से एक है. देवी का आशीर्वाद पाने के लिए स्कूल और कॉलेज सुबह पूजा-अर्चना करते हैं. यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2025 Rangoli Designs: मां सरस्वती और वीणा वाली मनमोहक रंगोली से मनाएं बसंत पंचमी का त्योहार, देखें लेटेस्ट डिजाइन्स
पूर्वाह्न काल, जो सूर्योदय और दोपहर के बीच का समय होता है, वसंत पंचमी का दिन तय करने के लिए माना जाता है. वसंत पंचमी उस दिन मनाई जाती है जब पूर्वाह्न काल के दौरान पंचमी तिथि प्रबल होती है. जिसके कारण वसंत पंचमी चतुर्थी तिथि पर भी पड़ सकती है. कई ज्योतिषी वसंत पंचमी को अबूझ दिन मानते हैं जो सभी अच्छे काम शुरू करने के लिए शुभ होता है. इस मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी का पूरा दिन सरस्वती पूजा के लिए शुभ होता है. महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों में इस पर्व को खास बनाने के लिए मेहंदी रचाती हैं. आप भी बसंत पंचमी पर अपने हाथों की सुंदरता में निखार ला सकें, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं मेहंदी के मनमोहक डिजाइन्स, जिन्हें आप ट्राई कर सकती हैं.
बसंत पंचमी मेहंदी डिजाइन:
बसंत पंचमी स्पेशल मेहंदी डिजाइन:
बसंत पंचमी मेहंदी डिजाइन:
सरस्वती पूजा स्पेशल मेहंदी डिजाइन:
हालांकि वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने का कोई विशेष समय नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूजा पंचमी तिथि के दौरान ही की जाए. कई बार वसंत पंचमी के दिन पंचमी तिथि पूरे दिन नहीं रहती है, इसलिए हमारा मानना है कि पंचमी तिथि के भीतर ही सरस्वती पूजा करना महत्वपूर्ण है. DrikPanchang.com पूर्वाहन काल के दौरान सरस्वती पूजा का समय सुझाता है, जब पंचमी तिथि चल रही हो. पूर्वाहन काल सूर्योदय और दोपहर के बीच होता है, जो वह समय भी है जब भारत में स्कूल और कॉलेज सहित अधिकांश लोग सरस्वती पूजा करते हैं.
पूर्वाह्न काल, जो सूर्योदय और दोपहर के बीच का समय होता है, वसंत पंचमी का दिन तय करने के लिए माना जाता है. वसंत पंचमी उस दिन मनाई जाती है जब पूर्वाह्न काल के दौरान पंचमी तिथि प्रबल होती है. जिसके कारण वसंत पंचमी चतुर्थी तिथि पर भी पड़ सकती है. कई ज्योतिषी वसंत पंचमी को अबूझ दिन मानते हैं जो सभी अच्छे काम शुरू करने के लिए शुभ होता है. इस मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी का पूरा दिन सरस्वती पूजा के लिए शुभ होता है. महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों में इस पर्व को खास बनाने के लिए मेहंदी रचाती हैं. आप भी बसंत पंचमी पर अपने हाथों की सुंदरता में निखार ला सकें, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं मेहंदी के मनमोहक डिजाइन्स, जिन्हें आप ट्राई कर सकती हैं.
बसंत पंचमी मेहंदी डिजाइन:
बसंत पंचमी स्पेशल मेहंदी डिजाइन:
बसंत पंचमी मेहंदी डिजाइन:
सरस्वती पूजा स्पेशल मेहंदी डिजाइन:
हालांकि वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने का कोई विशेष समय नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूजा पंचमी तिथि के दौरान ही की जाए. कई बार वसंत पंचमी के दिन पंचमी तिथि पूरे दिन नहीं रहती है, इसलिए हमारा मानना है कि पंचमी तिथि के भीतर ही सरस्वती पूजा करना महत्वपूर्ण है. DrikPanchang.com पूर्वाहन काल के दौरान सरस्वती पूजा का समय सुझाता है, जब पंचमी तिथि चल रही हो. पूर्वाहन काल सूर्योदय और दोपहर के बीच होता है, जो वह समय भी है जब भारत में स्कूल और कॉलेज सहित अधिकांश लोग सरस्वती पूजा करते हैं.