Bal Gangadhar Tilak Death Anniversary 2020: 'स्वराज यह मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा' यह नारा देने वाले, महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) की आज 100 वीं पुण्यतिथि है. बाल गंगाधर तिलक का मूल नाम केशव गंगाधर तिलक था, बाद में उन्हें लोकमान्य तिलक के नाम से जाना जाने लगा. उन्हें "लोकमान्य" का आदरणीय शीर्षक प्राप्त हुआ था. जिसका अर्थ हैं लोगों द्वारा उनके नायक के रूप में स्वीकृत. लोकमान्य तिलक को एक महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक के अलावा शिक्षक और पत्रकार के तौर पर भी जाना जाता है. उनका जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के कोंकण प्रदेश (रत्नागिरी) के चिखली गांव में हुआ था.
बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुए. लोकमान्य तिलक ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे, ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें "भारतीय अशांति के पिता" कहते थे. तिलक ही पहले ऐसे कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार करने की मांग की थी.
गुलाम भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश हुकूमत (British Government) के सामने डटकर खड़े रहने वाले समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की आज 100वीं पुण्यतिथि है. बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके 12 प्रेरणादायक व आत्मविश्वास जगाने वाले अनमोल विचार.
- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा.
- अगर भगवान छुआछूत को मानते हैं तो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूंगा.
- एक अच्छे अखबार के शब्द अपने आप बोल देते हैं.
- जीवन एक ताश के खेल की तरह है. सही पत्तों का चयन हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमारी सफलता निर्धारित करने वाले पत्ते खेलना हाथ में है.
- हम हमारे सामने सही रास्ते के प्रकट होने के इंतजार में अपने दिन खर्च करते हैं, लेकिन हम भूल जाते हैं कि रास्ते इंतजार करने के लिए नहीं, बल्कि चलने के लिए बने हैं.
- स्वाभिमानी और पवित्र हृदय का व्यक्ति निर्धन होने पर भी श्रेष्ट गिना जाता है.
- बड़ी उपलब्धियां कभी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिलने वाली उपलब्धियां महान नहीं होतीं.
- आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, मेहनती व्यक्तियों के लिए ही वे अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना शुरू करें.
- आपके विचार सही, लक्ष्य ईमानदार और प्रयास संवैधानिक हों तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपकी सफलता निश्चित है.
- मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने की कोशिश मत कीजिए, ये तो निश्चित रूप से आपके रास्ते में आएंगे ही.
- किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा.
- प्रातः काल में उदय होने के लिए ही, सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता.
अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए मशहूर बाल गंगाधर तिलक को कई बार अपने लेखों के कारण जेल जाना पड़ा. उन्होंने अपने अखबारों के जरिए ब्रिटिश शासन की क्रूरता की बहुत आलोचना की. वे अपने मराठी अखबार 'केसरी' में अंग्रेजों के खिलाफ काफी आक्रामक लेख लिखते थे. भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वराज्य की मांग करने वाले तिलक का निधन 1 अगस्त 1920 को मुबंई में हुआ था.
महात्मा गांधी ने उन्हें 'आधुनिक भारत का निर्माता' कहा और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें 'भारतीय क्रांति' का जनक बताया था. कहा जाता है कि महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन को सफल बनाने में सबसे बड़ा योगदान बाल गंगाधर तिलक का ही था. तिलक जी के निधन पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि हमने आधुनिक भारत का निर्माता खो दिया है.