Baisakhi 2021 Hindi Wishes: पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में बैसाखी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल 13 अप्रैल 2021 को बैसाखी मनाई जा रही है. दरअसल, बैसाखी को किसानों का त्योहार कहा जाता है, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस पर्व की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जहां इसे नव वर्ष के आगमन का प्रतीक माना जाता है तो वहीं इस दिन तमाम किसान अच्छी फसल के लिए प्रकृति और ईश्वर को धन्यवाद देते हैं. रबी की फसलों के पककर तैयार होने की खुशी में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन किसान नई फसल की पूजा करते हैं, इसके साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि पूरे साल किसी के घर भी धन-धान्य की कमी न हो. इस दिन गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं.
किसानों के पर्व बैसाखी के दिन घरों में कई तरह से स्वादिष्ट पकवान तैयार किए जाते हैं और हर कोई परिवार के साथ इस पर्व का लुत्फ उठाता है. इसके साथ ही सोशल मीडिया के जरिए बधाई संदेश भेजे जाते हैं. आप भी बैसाखी के इस खास अवसर पर इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को अपनों संग शेयर करके शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- फूलों की महक,
गेंहू की बालियां,
तितलियों की रंगत,
अपनों का प्यार,
सब को दिल से मुबारक हो,
बैसाखी का त्योहार...
बैसाखी की शुभकामनाएं
2- खालसा मेरो रूप है खास,
खालसे में करूं निवास,
खालसा मेरा मुख हैं अंगा,
खालसे के साजना दिवस की,
आप सब को बधाई...
बैसाखी की शुभकामनाएं
3- नए दौर, नए युग की शुरुआत,
सत्यता, कर्तव्यता हो सदा साथ,
बैसाखी का यह सुंदर पर्व,
सदैव याद दिलाता है मानवता का पाठ.
बैसाखी की शुभकामनाएं
4- बैसाखी आई, बैसाखी आई,
साथ में ढेर सारी खुशियां लाई,
तो भंगड़ा पाओ, खुशी मनाओ.
मिलकर सब बंधु भाई...
बैसाखी की शुभकामनाएं
5- खुशियां हो ओवर फ्लो,
मस्ती कभी न हो लो,
अपना सुरूर छाया रहे,
दिल में भरा प्यार रहे,
शोहरत की हो बौछार,
ऐसा हो बैसाखी का त्योहार.
बैसाखी की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि बैसाखी के त्योहार को पंजाबी नव वर्ष या सिख नव वर्ष के तौर पर भी जाना जाता है. पंजाबी समुदाय के लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते, गाते और भांगड़ा करते हुए इस त्योहार का लुत्फ उठाते हैं, जबकि सिख समुदाय की मान्यता के अनुसार, इसी दिन साल 1699 में सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसलिए सिख समुदाय के लोग भी इसी दिन नव वर्ष का त्योहार मनाते हैं.